झारखंड के 65 हज़ार पारा शिक्षकों को बिहार के तर्ज पर स्थायी करने की पहल झारखंड सरकार ने शुरू की है. इसके तहत 18 अगस्त को विभाग की बैठक रखी गयी है. बिहार में आकलन परीक्षा लेकर शिक्षकों को 60 वर्ष तक के लिए स्थायी किया गया है. उसी के तर्ज पर झारखंड में भी शिक्षक चाहते हैं कि उनकी आकलन परीक्षा लेकर उनके भविष्य को तय किया जाए. सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाया है.
एकीकृत पारा शिक्षक संघ के बैनर तले राज्यभर के पारा शिक्षक एक लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. उचित समय पर मानदेय न मिलना, पारा शिक्षकों के हक में नियमावली तैयार करना और स्थायीकरण जैसे मांगों को लेकर शिक्षक लगातार मुखर रहे हैं. रघुवर सरकार के दौरान भी पारा शिक्षकों का आंदोलन व्यापक रूप से चला था. उस दौरान कई बार उग्र आंदोलन भी पारा शिक्षकों की ओर से किया जा चुका है.
हेमंत सोरेन ने दिया था भरोसा
हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने से पहले इन पारा शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही पारा शिक्षकों की समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार बनने के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी पारा शिक्षकों की मांगें जस की तस हैं. लगातार पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षकों को आश्वासन भी दिया था कि चेन्नई से स्वस्थ होकर लौटते ही वह उनकी समस्याओं पर गौर करेंगे और निवारण की कोशिश करेंगे.
इस कड़ी में शनिवार को शिक्षामंत्री के आवास पर शिक्षा सचिव की मौजूदगी में पारा शिक्षकों के साथ कई दौर की बैठक हुई. पारा शिक्षकों का कहना है कि बिहार के तर्ज पर पारा शिक्षक नियोजन और वेतनमान मांग रहे हैं. बिहार में सरकार ने अपने यहां पारा शिक्षकों को आकलन परीक्षा लेकर 60 साल के लिए नियुक्त कर दिया है. इसी के साथ वेतनमान भी निर्धारित कर दिया गया है. झारखंड में भी पारा शिक्षकों की मांग है कि उनकी आकलन परीक्षा हो और उसमें पारा शिक्षकों का पास होना अनिवार्य किया जाए.
बैठक के बाद जगरनाथ महतो ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि बिहार की तर्ज पर ही झारखंड के पारा शिक्षकों की नियमावली बनाई जाएगी और मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक कर वेतनमान को लेकर उचित निर्णय लिया जाएगा. 18 अगस्त को तमाम विभागीय पदाधिकारी और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष बैठक कर इस पूरे मामले को क्लियर कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों की समस्याओं को लेकर वह लगातार गंभीर रहे हैं. उनकी परेशानियों को जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश हो रही है. यह बैठक पारा शिक्षकों के साथ सफलतापूर्वक आयोजित हुई और पारा शिक्षक भी इस बैठक से संतुष्ट हुए हैं. पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सदस्य संजय दुबे ने कहा कि अगर बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पारा शिक्षकों के लिए नियमावली बनती है, तो पारा शिक्षकों को कोई परेशानी नहीं होगी. ये बैठक सकारात्मक तरीके से आयोजित हुई और संपन्न हुई है.
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