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मिलिए 81 साल के LLB स्टूडेंट से, रोजाना कॉलेज जाकर करते हैं पढ़ाई, PhD करने की चाह

81 साल के सतपाल सिंह ने लॉ की पढ़ाई करने के लिए इससे पहले एमए भी किया हुआ है. उनका कहना है कि पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं होती है. किसी भी उम्र में पढ़ाई कर डिग्री हासिल कर सकते हैं. वे आगे पीएचडी भी करना चाहते हैं.

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81 साल के LLB स्टूडेंट सतपाल अरोड़ा की तस्वीर
81 साल के LLB स्टूडेंट सतपाल अरोड़ा की तस्वीर

कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. आप कभी भी, किसी भी उम्र में पढ़ना शुरू कर सकते हैं या फिर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं. चाहे आप 5 साल के बच्चे हों या 81 साल के बुजुर्ग, सीखने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती. इसी का उदाहरण हैं चित्तौड़गढ शहर निवासी सतपाल अरोड़ा, जिन्होंने 81 साल की उम्र में लॉ की पढ़ाई करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया है.

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चित्तौड़गढ़ शहर के प्रतापगढ़ निवासी सतपाल सिंह अरोड़ा लॉ कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए पहुंचे तो यहां के स्टाफ हैरान रह गया. सभी कॉलेज के बुजुर्ग विद्यार्थी के जुनून से काफी प्रभावित हुए. नई जनरेशन के स्टूडेंट की तरह इनमें भी सीखने की ललक दिखी. 

रोजाना कॉलेज जाते हैं 81 साल के लॉ स्टूडेंट सतपाल अरोड़ा

81 साल के सतपाल सिंह अरोड़ा ने साबित कर दिया है कि पढ़ाई करने की उम्र आपके ऊपर निर्भर करती है. आप अपनी रुचि और लक्ष्यों के हिसाब से कभी भी पढ़ाई कर सकते हैं. वे इस उम्र में भी नियमित लॉ कॉलेज आ रहे हैं. अपनी उम्र से काफी छोटे विद्यार्थियों के साथ बैठ नियमित पढ़ाई करना आश्चर्यजनक है. इस उम्र में लॉ करने का जज्बा इन्हें अन्य लोगों से अलग दिखाता है, जो एक उम्र के बाद शिक्षा और शोक से दूर हो जाते हैं. 

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40 साल बाद फिर से शुरू की कॉलेज की पढ़ाई

वहीं सतपाल सिंह ने लॉ की पढ़ाई करने के लिए इससे पहले एमए किया. जिन्होंने लॉ करने के लिए अपने परिचित एमएलवी कॉलेज के लेक्चरर से राय ली, जिन्होंने मार्गदर्शन किया था. सतपाल अरोड़ा का कहना है कि पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं होती है. किसी भी उम्र में पढ़ाई कर डिग्री हासिल कर सकते हैं. पढ़ाई में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है. उन्होंने करीब 40 साल बाद फिर से कॉलेज की चौखट देखी है. उन्होंने कहा कि एक उम्र के बाद भी जिंदा रहने के लिए कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए.

PhD करने का सपना

सतपाल ने बताया कि फिलहाल उनका पूरा फोकस एलएलबी करने पर है, लेकिन वे आगे पीएचडी भी करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं. दोनों इंजीनियरिंग पार्ट्स की बिक्री से जुड़े है. 
 

चितौड़गढ़ से पियूष मुंद्रा की रिपोर्ट
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