scorecardresearch
 

आंध्र प्रदेश बोर्ड रिजल्‍ट जारी होने के 48 घंटे के भीतर 9 स्‍टूडेंट्स ने की खुदकुशी

एपी इंटरमीडिएट परीक्षा में असफल होने के बाद चित्तूर जिले के 17 वर्षीय दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. इसी जिले में एक बच्चे की कीटनाशक निगलने से मौत हो गई, जबकि एक छात्रा ने झील में कूदकर आत्महत्या कर ली. राज्‍य में 9 स्‍टूडेंट्स ने खराब रिजल्‍ट आने पर आत्‍महत्‍या कर ली है.

Advertisement
X
Representational Image
Representational Image

आंध्र प्रदेश बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एग्‍जाम ने बुधवार 27 अप्रैल को इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित किए थे. इसके बाद से राज्य में एक के बाद एक स्‍टूडेंट्स के आत्‍महत्‍या के मामले सामने आने लगे. महज 48 घंटों में ही 9 स्‍टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली है. इनके अलावा 2 और स्‍टूडेंट्स हैं जिन्‍होंने आत्‍महत्‍या का प्रयास किया है.

Advertisement

AP बोर्ड परीक्षा के लिए 10 लाख से ज्यादा स्‍टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था. जारी रिजल्‍ट के अनुसार, 11वीं में 61 फीसदी और 12वीं में 72 फीसदी स्‍टूडेंट्स पास हुए हैं. राज्‍य के श्रीकाकुलम इलाके में 17 साल के एक लड़के ने परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी. 

इसके अलावा विशाखापटनम की एक 16 वर्षीय लड़की ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 18 वर्षीय एक छात्र ने कंचारपालेम में घर पर फांसी लगाकर अपनी जान ले ली. वह इंटरमीडिएट के दूसरे साल में एक विषय में फेल हो गया था.

एपी इंटरमीडिएट परीक्षा में असफल होने के बाद चित्तूर जिले के 17 वर्षीय दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. इसी जिले में एक बच्चे की कीटनाशक निगलने से मौत हो गई, जबकि एक छात्रा ने झील में कूदकर आत्महत्या कर ली. एक अन्य 17 वर्षीय छात्र ने अनाकापल्ली में अपने घर पर फांसी लगा ली. बताया जा रहा है कि इंटरमीडिएट में पहले साल में कम नंबर आने से वह तनाव में था.

Advertisement

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने फरवरी में छात्रों द्वारा कथित आत्महत्याओं की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि पीड़ितों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति उनकी संवेदना है. उन्होंने कहा था कि हमें सोचना है कि हमारे संस्थान कहां गलत हो रहे हैं. क्‍यों छात्र अपनी जान लेने को मजबूर हैं. 

Advertisement
Advertisement