उत्तर प्रदेश में अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन जारी है. बस्ती विकास प्राधिकरण ने करीब 17 कॉलोनियों को चिन्हित किया है. इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुलडोजर एक्शन पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में एक कॉलोनी में झोपड़ियों पर बुलडोजर चलता दिख रहा है. तभी पास की एक झोपड़ी से भागती दिखाई देती है.
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर का है जहां प्रशासनिक अधिकारी अवैध झोपड़ियों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है. बुलडोजर एक्शन के दौरान पास की झोपड़ी से एक छोटी बच्ची भागती दिखाई दे रही है. एक महिला पुलिस कर्मी बच्चे के साथ झोपड़ी से बाहर निकलती है, जबकि एक पुरुष पुलिसकर्मी झोपड़ी के बार खड़ा दिखाई दे रहा है. झोपड़ी से भागते हुए निकली बच्ची ने बेसिक स्कूल की ड्रेस पहनी हुई है और हाथ में किताबें हैं. बच्ची की उम्र 6 साल बताई जा रही है. बुलडोजर एक्शन के दौरान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यह वीडियो अपने 'एक्स' पर शेयर किया है. साथ ही यूपी की बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'उप्र के अम्बेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है. ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ!'
हालांकि DM Ambedkarnagar 'एक्स' अकाउंट से बताया कि है कि वीडियो में जो बच्ची हाथ में बुक लेकर भागती दिख रही है उसका घर नहीं गिराया गया है. साथ ही इस वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कहा गया है. डीएम अंबेडकरनगर एक्स अकाउंट पोस्ट में लिखा, 'यह भी अवगत कराना है कि यह बच्ची जिस घर से बुक लेकर निकल रही है वह घर नहीं हटाया गया है तथा बच्ची के पीछे जो जेसीबी दिखाया जा रहा है.'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन पिछले कुछ वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार की एक चर्चित नीति रही है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अवैध निर्माण, अतिक्रमण, और अपराधियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए किया जाता है. योगी सरकार ने इसे अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के एक हथियार के रूप में पेश किया है. सरकार का दावा है कि बुलडोजर का उपयोग सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, अनधिकृत कॉलोनियों, और गैर-कानूनी ढांचों को हटाने के लिए किया जाता है.
इसके अलावा माफिया, गुंडों, और अपराधियों की संपत्तियों को निशाना बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अपराध का परिणाम कड़ा होगा. यह नीति खास तौर पर 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान सुर्खियों में आई. बुलडोजर एक्शन की प्रक्रिया में प्रशासन पहले नोटिस जारी करता है, लेकिन कई मामलों में त्वरित कार्रवाई की शिकायतें भी सामने आई हैं.