कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा जुलाई 2021 तक स्थगित हो गई है. इसे लेकर वे छात्र बहुत चिंतित है, जो उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि परीक्षा परिणाम में देरी होगी.
सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि परिणाम सितंबर में घोषित किया जाएगा. एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, शिक्षा अधिकारियों ने प्रमुख विषयों या छोटी अवधि की परीक्षाओं के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने पर चर्चा की हालांकि कक्षा 12 के अंतिम निर्णय की घोषणा जल्द की जाएगी.
इन छात्रों ने सीबीएसई को एक पत्र लिखाकर सरकार से मांग की है कि एग्जाम कैंसिल कर दें. बता दें कि विदेश में पढ़ने वाले छात्रों का समुदाय 2018 में 7 लाख था और अब यह अधिक होगा.उन्होंने पत्र में लिखा है कि मौजूदा परिस्थिति में जुलाई-अगस्त 2021 की शुरुआत से पहले आधिकारिक पासिंग सर्टिफिकेट मिलना संभव नहीं होगा. इसके अतिरिक्त छात्रों को एक शैक्षणिक वर्ष का नुकसान उठाना पड़ेगा और उड़ान रद्द करने वीजा शुल्क और अन्य रसद लागतों से संबंधित खर्चों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
बता दें कि इससे पहले देश भर के 297 छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन कराने के निर्णय को रद्द करने के लिए सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिख चुके हैं. छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखे पत्र में पिछले साल की तरह वैकल्पिक मूल्यांकन योजना लागू कराने की मांग की है. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
देशभर में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गंभीर स्थिति है. छात्रों का कहना है कि देश में कोविड-19 के चलते पैदा हुई परिस्थितियों के चलते तमाम छात्रों ने अपने परिवार वालों को खोया है. ऐसे में इस समय फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि उनके परिवारों के लिए भी यह तनाव पैदा करने वाली बात है.
छात्रों ने अपने पत्र में लिखा कि ऐसे समय में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कराना किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है. इससे लाखों छात्रों, टीचर्स, अभिभावक और सहायक स्टाफ की जान, उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो सकता है. छात्रों ने लिखा कि हम आपको यह पत्र ऐसे समय में लिख रहे हैं जब कोविड के मामले अभूतपूर्व आंकड़ों तक पहुंच चुके हैं. कई छात्रों ने अपने माता-पिता या फिर घरवालों को खोया है. इस तरह मामलों में अचानक आई तेजी ने हमें घरों में बंद रहने पर मजबूर कर दिया है.