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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित Rau's IAS कोचिंग सेंटर हादसे को एक महीना बीत चुका है. 27 जुलाई को कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुई तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मौत की घटना की जांच सीबीआई कर रही है. ट्रैफिक सामान्य हो गया लेकिन Rau's IAS कोचिंग सेंटर के ठीक सामने पुलिस बैरकेड अभी भी लगे हैं. हां, अब कोचिंग के सामने दो मोटर पंप लगा दिए गए हैं जो पानी भरने की स्थिति में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. दूसरी तरफ गिरफ्तार 7 आरोपियों में से 1 को जमानत मिल चुकी है और बाकी पुलिस की हिरासत में हैं. लेकिन इस हादसे के बाद यूपीएससी की तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. लाइब्रेरी की फीस पहले से दोगुनी हो गई है.
3 मौतों के बाद लाइब्रेरी के लिए दोगुनी फीस भर रहे छात्र
राउज आईएएस कोचिंग सेंटर में तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मौत के बाद छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, 15 अगस्त को बाकी प्रदर्शन करने वाले छात्र भी पढ़ाई में भले जुट गये हैं, लेकिन अब उनका खर्च बढ़ गया है. प्रदर्शन में शामिल रहे यूपीएससी एस्पिरेंट नितिन कुमार का कहना है कि पहले जहां उन्हें लाइब्रेरी में सेल्फ स्टडी करने पर पांच हजार रुपये फीस देनी पढ़ती थी. अब वह दोगुनी हो गई है. अब उन्हें 10 हजार रुपये देने पढ़ रहे हैं. इसके अलावा रूम का बिल भी ज्यादा हो गया है.
नितिन ने कहा कि राउज से कोचिंग जनवरी में ही खत्म हो गई थी, इसलिए वो सेल्फ स्टडी और पढ़ाई के एनवायरनमेंट के लिए लाइब्रेरी की सेवा ले रहे थे. पहले जो लाइब्रेरी 5000 में मिल जाया करती थी वहां अब 10,000 रुपये लिए जा रहे हैं. नितिन ने आगे कहा कि लाइब्रेरी में वाई-फाई, एयर कंडीशन और पानी मिल जाता है जिससे रूम का काफी खर्च बच जाता था. वहीं पहले सुबह 8 बजे लाइब्रेरी चले जाते थे और रात में निकलते थे. अब ज्यादातर लाइब्रेरी बंद हैं तो रूम का खर्च बढ़ गया है.
1 महीने में 200 कोचिंग सेंटर्स पर हुई कारवाई
हादसे के बाद एमसीडी ने अब तक बिल्डिंग नियमों का उल्लंघन करने पर 200 कोचिंग सेंटर्स पर एक्शन लेकर सील लगा दी है. ये वो कोचिंग सेंटर्स हैं जिनके बेसमेंट में क्लासेस चल रही थी या बिना परमिशन वाले काम के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. एमसीडी ने अपने सर्वे अभियान के दौरान कई चीजों का जायजा लिया है खासकर कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट का. इस दौरान कोई भी गतिविधि मिलने पर वह बेसमेंट को सील कर रही है.
पीआरओ का दावा है कि सर्वें और सीलिंग का ये अभियान अभी भी चल रहा है. हालांकि हादसे के बाद एमसीडी का दावा था कि सड़क से अतिक्रमण हटाने, नालों की सफाई और पुरानी पाइप लाइन को उखाड़कर नई पाइपलाइन डाली जाएंगी. नई पाइपलाइन का काम अधूरा है. वहीं इससे ठीक से पानी भी नहीं निकल पा रहा है.
जुलाई में भी करंट लगने से गई थी यूपीएससी एस्पिरेंट की जान
इस साल की बारिश ने कई एजेंसियों की पोल खोल दी. पटेल नगर में इसी साल 22 जुलाई को पटेल नगर इलाके में यूपीएससी एस्पिरेंट की मोत हो गई थी. रणजीत नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रटरी जितेंद्र साहू का कहना है कि हादसे से पहले भी तारों के जंजाल को लेकर शिकायत की थी लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.
सीजन में करंट से मौत की घटनाएं-
1. बिंदापुर इलाके में करंट लगने से 12 साल के बच्चे की मौत.
2. प्रेम नगर इलाके में 39 वर्षीय राजेश की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई.
3. 34 वर्षीय पूनम की जलजमाव वाले क्षेत्र को पार करने की कोशिश करते समय बिजली का झटका लगने से मौत हो गई.
4. 26 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी की पटेल नगर में जलभराउज वाले क्षेत्र को पार करने की कोशिश करते समय मौत हो गई.
5. कराउजल नगर में 30 वर्षीय डोमन कुमार की करंट लगने से जान चली गई थी.
6. राष्ट्रीय राजधानी के सदरबाजार इलाके में प्रमोद की मौत हो गई क्योंकि उनके घर के बाहर जमा पानी में बिजली आ गई थी.
7. जैतपुर इलाके में 28 वर्षीय प्रभात की घर पर बिजली का करंट लगने से मौत हो गई.
इस सीजन में जलभराव में डूबने से मौत के मामले-
1. तरुण उम्र 7 वर्ष: पानी से भरे पार्क में डूब गया.
2. उदय 15 वर्ष: डीडीए की जमीन पर जलभराव वाले क्षेत्र में डूब गया.
3. मयंक 17 वर्ष: डीडीए की जमीन पर जलभराव वाले क्षेत्र में डूब गया.
4. तनुजा भिष्ट उम्र 23: खुले नाले में डूब रहे अपने बच्चे को बचाने की कोशिश में उसकी मौत हो गई.
5. प्रियांश 3 वर्ष: खुले नाले में गिर गया.
6. 8 वर्षीय बच्चा: उस्मानपुर इलाके डूबने से मौत हो गई थी.
7. 10 वर्षीय बच्चा: उस्मानपुर इलाके में ही करीब 5 फीट ऊंचाई तक जमा हुए बारिश के पानी में डूबने से मौत गई थी.
8. दिग्विजय कुमार 60 वर्ष: ओखला अंडरपास में पानी भरे होने से डूबने से मौत हो गई.
9. 3 यूपीएससी अभ्यर्थी: होल्ड राजेंद्र नगर में राउड आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव के कारण 3 यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी.
नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम के लिए मिला 2.5 करोड का फंड
अक्सर भारी बारिश के बाद हादसे वाली बड़ा बाजार रोड पर जलभराव की समस्या देखी जाती है. दिल्ली नगर निगम ने इस रोड और आसपास के इलाके में नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए ढाई करोड रुपये का फंड मंजूर किया है. हालांकि अभी काम शुरू नहीं हो पाया है. निगम को मार्च 2025 तक यह काम पूरा करने का समय मिला है. दूसरी तरफ स्टॉर्म वॉटर यानी नाले की सफाई भी नहीं हो पाई है. सड़क के दोनों ओर बारिश के पानी के निकासी के नाले का निर्माण पूरा नहीं हुआ. जगह-जगह स्लैब और नाले खुले पड़े हैं. 29 अगस्त की बारिश में भी कई निचले इलाकों में पानी भर गया. उधर उपराज्यपाल नालों का दौरा कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि चार अगस्त को उपराज्यपाल वीके सक्सेना सुनहरी, कुशक और बारापुला नालों का दौरा कर इन्हें साफ करने का आदेश दिया तो पांच हजार मीट्रिक टन से अधिक गाद निकली.