Agniveer Shaheed: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर कहा कि अग्निवीर को शहीद होने पर कुछ नहीं मिलता. इसके बाद सरकार ने भी अपना जवाब दिया. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ स्कीम में क्या प्रावधान हैं. अग्निवीर की सैलरी, नियुक्ति, पेंशन और मुआवजा से संबंधित नियमों के बारे में जानते हैं.
अग्निवीर की भर्ती
भारतीय सेना में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार साल 2022 में भारत सरकार द्वारा लॉन्च हुई अग्निपथ स्कीम का हिस्सा बन सकते हैं. इसके तहत भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को अग्निवीर कहा जाता है, लेकिन इस योजना के तहत सेना में नौकरी करने वाले उम्मीदवारों को सिर्फ 4 साल के लिए ही देश सेवा का मौका मिलता है. चार साल के आखिर में, ज्यादातर सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलती है. हालांकि, कुछ अग्निवीरों को सेना में स्थायी तौर पर भर्ती भी किया जाता है.
कितनी है अग्निवीरों की सैलरी और क्या है पेंशन का प्रावधान?
इस भर्ती में पेंशन जैसी कोई स्कीम नहीं है, लेकिन सैलरी में से निधि फंड (Sewa Nidhi Fund) के लिए हर महीने पैसे काटे जाते हैं, जो 4 साल की सर्विस के बाद अग्निवीरों को दिए जाएंगे. अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को नौकरी के पहले साल हर महीने इन हैंड 21 हजार रुपये सैलरी देने का प्रावधान है. पहले साल अग्निवीरों की टोटल सैलरी (Agniveer Total Salary) 30 हजार रुपये है. इसमें से सेवा निधि फंड (Sewa Nidhi Fund) के लिए 30 फीसदी यानी 9 हजार रुपये काटे जाते हैं. हर साल अग्निवीरों को सैलरी बढ़ाई जाती है, इसके साथ ही सेवा निधि फंड का अमाउंट भी बढ़ जाता है.
चार साल में कितनी बढ़ जाती है अग्निवीरों की सैलरी?
एक साल की नौकरी पूरी करने के बाद अगले साल अग्निवीरों की सैलरी में 10 फीसदी का इजाफा किया जाएगा, जिसके बाद सर्विस के दूसरे साल में टोटल सैलरी 33 हजार रुपये मिलेगी. इसमें से 9,900 रुपये सेवा निधि फंड में जाएंगे और अग्निवीरों को हर महीने 23,100 रुपये ही मिलेंगे. दूसरे साल की तरह तीसरे साल में भी अग्निवीरों की सैलरी बढ़ा दी जाएगी. सर्विस के तीसरे साल में टोटल सैलरी 36 हजार 500 हो जाएगी. इसमें से सेवा निधि फंड के लिए 10 हजार 950 रुपये काटे जाएंगे. तीसरे साल में इन-हैंड सैलरी 25,550 रुपये हो जाएगी. इसके बाद चौथे यानी कि आखिरी साल में सैलरी बढ़कर 40 हजार कर दी जाएगी. इस दौरान सेवा निधि फंड में 12 हजार रुपये जमा किए जाएंगे. अब इन-हैंड 28 हजार तक पहुंच जाएगी.
सर्विस के बाद कैसे मिलेगा इक्ट्ठा पैसा?
नौकरी के पहले महीने से आखिरी महीने तक, सैलरी का जो पैसा सेवा निधि फंड में काटा गया है, वह 4 साल की सर्विस के बाद मिलेगा. इस तरह पूरे चार साल के दौरान सेवा निधि पैकेज में हर अग्निवीर का कंट्रीब्यूशन 5.02 लाख रुपये होंगे. सरकार फंड में अपनी ओर से भी 5.02 लाख रुपये जमा करेगी. इस तरह चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अग्निवीरों को एकमुश्त 10.04 लाख रुपये मिलेंगे.
ऑन ड्यूटी जान जाने पर कितना पैसा मिलेगा?
अगर ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर की मृत्यु हो जाती है तो सरकार द्वारा परिवारजनों को मुआवजा भी दिया जाता है. आर्मी की वेबसाइट के अनुसार, ऑन ड्यूटी मृत्यु होने पर शहीद हुए अग्निवीर के परिवार को 48 लाख रुपए का बीमा कवर, 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि, चार साल के कार्यकाल में बचे समय का पूर्ण वेतन और सेवा निधि दी जाती है. इसके अलावा सेवा निधि कोष में जमा राशि और अग्निवीर कॉर्पस फंड से ब्याज सहित सरकारी योगदान भी दिए जाने का प्रावधान है.
अगर ड्यूटी के दौरान मृत्यु नहीं होती है तो क्या मिलता है?
अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवारजनों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाता है लेकिन उसे 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी. इसके अलावा अग्निवीर के परिवार को सेवा निधि कोष में जमा राशि और अग्निवीर कॉर्पस फंड से ब्याज सहित सरकारी योगदान मिलेगा.
अगर अग्निवीर ड्यूटी के दौरान विकलांग हो जाता है तो क्या मिलेगा?
अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी के दौरान विकलांग हो जाता है, तब भी उसे सरकार की तरफ से राशि दी जाती है. आर्मी की वेबसाइट के मुताबिक, विकलांग होने पर अग्निवीर को विकलांगता के आधार पर राशि दी जाएगी. अगर युवा 100 प्रतिशत विकलांग हो जाता है तो उसे ₹44 लाख, 50 प्रतिशत पर 75 लाख और 25 प्रतिशत की विकलांगता पर 15 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी. इसके अलावा चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलेगा.