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AI vs Google: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल से सीखना कितना सही? प्रोफेसर ने बताई MIT की चौंकाने वाली स्टडी

AI vs Google: हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर भारत एन. आनंद का मानना है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बुद्धिमानी से करना जरूरी है. उनके मुताबिक, "आप इन टूल्स का समझदारी से इस्तेमाल करें, तो वे आपकी ताकत बन सकते हैं. लेकिन अगर आप सिर्फ आसान रास्ता चुनते हैं, तो आप खुद को कमजोर कर रहे हैं."

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प्रोफेसर भारत एन. आनंद
प्रोफेसर भारत एन. आनंद

India Today Conclave 2025: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भी महान दिग्गजों ने शिरकत की और विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी. इस आयोजन में प्रो. भारत एन. आनंद ने 'Future.Ai: The New Classroom' पर चर्चा की. भारत एन. आनंद, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडवांसेज इन लर्निंग के वाइस प्रोवोस्ट और एआई के युग में शिक्षा के भविष्य की खोज कर रहे हैं. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिना AI गूगल से सीखने को लेकर एक महत्वपूर्ण स्टडी के बारे में बताया.

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इस सेशन को मॉडरेटर कर रहे राहुल कंवल ने प्रोफेसर भारत एन. आनंद से सवाल किया कि आज के दौर में जब गूगल, चैटजीपीटी और अन्य एआई टूल्स हर जानकारी को पलभर में उपलब्ध करा देते हैं, तो बच्चों को कैसे सोचना सिखाएं? 

प्रोफेसर भारत एन. आनंद कहा कि यह एक बड़ा सवाल है. इसी विषय पर MIT के शोधकर्ताओं ने एक रोचक स्टडी की जिसमें छात्रों को दो समूहों में बांटा गया. पहले ग्रुप को AI चैटबॉट्स की मदद से सीखने का अवसर दिया गया, जबकि दूसरे समूह को केवल गूगल सर्च करने की अनुमति दी गई.स्टडी के नतीजे बेहद दिलचस्प रहे,  AI से सीखने वाले छात्रों ने विषय को तेजी से समझा, लेकिन जब उन्हें किसी नए संदर्भ में उस नॉलेज का यूज करने को कहा गया, तो वे नहीं कर पाए या कम कर पाए. दूसरी ओर, गूगल सर्च से सीखने वाले छात्रों ने सीखने में ज्यादा समय लिया, लेकिन बाद में परीक्षा में अच्छा परफॉर्म किया.

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लेकिन ऐसा क्यों हुआ? MIT के शोधकर्ताओं के अनुसार, गहराई से सीखने की कोशिश जरूरी होता है. अगर कोई चीज आसानी से मिल जाती है, तो माइंड उसे लंबे समय तक याद नहीं रखता. कठिन परिश्रम से सीखी गई चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं और उनका सही इस्तमेमाल करना भी आसान होता है.

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर भारत एन. आनंद का मानना है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बुद्धिमानी से करना जरूरी है. उनके मुताबिक, "आप इन टूल्स का समझदारी से इस्तेमाल करें, तो वे आपकी ताकत बन सकते हैं. लेकिन अगर आप सिर्फ आसान रास्ता चुनते हैं, तो आप खुद को कमजोर कर रहे हैं." उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि "पढ़ाई करें और गहरी समझ विकसित करें, ताकि आप बाद में इन टेक्नोलॉजी का बेहतर तरीके से यूज कर सकें."

 

बता दें कि प्रोफेसर भारत एन. आनंद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडवांसमेंट इन लर्निंग के वाइस प्रोवोस्ट हैं और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर हैं. वे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, रणनीति और मीडिया से जुड़े विषयों के एक्सपर्ट माने जाते हैं. उनकी पुस्तक "The Content Trap" ग्लोबल लेवल पर चर्चित रही है, जिसमें उन्होंने डिजिटल युग में बिजनेस और कंटेंट इंडस्ट्री की रणनीतियों पर प्रकाश डाला है. हार्वर्ड में वे नई तकनीकों और शिक्षा के नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं.

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