दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज AIIMS में 21 नवंबर से मरीज अपनी ABHA (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) ID बनवा सकेंगे. इस आईडी के जरिये न सिर्फ उन्हें रजिस्ट्रेशन में आसानी हो जाएगी, साथ ही साथ उनके सभी हेल्थ रिकॉर्ड डिजिलॉकर में सुरक्षित हो जाएंगे. इससे डॉक्टरों को मरीजों के बारे में जानना काफी आसान हो जाएगा.
एम्स डायरेक्टर प्रो एम श्रीनिवास की ओर से 15 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मरीज 21 नवंबर से राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में ABHA ID बनवा सकेंगे. इसके बाद एक जनवरी 2023 से ये सभी ओपीडी में इसकी सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि तमाम मरीजों के पास आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) की उपलब्धता होने के बावजूद एम्स में रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. मैनुअल एंट्री के लिए एम्स में पेशेंट की बड़ी संख्या है. इसके अलावा ABHA ID के इस्तेमाल के बावजूद रजिस्ट्रेशन के वक्त कई बार ओटीपी बताने में देरी होने या ओटीपी दोबारा भेजने की 3 बार की लिमिट खतम हो जाती है जिससे मरीजों को परेशानी होती थी.
स्कैन करते ही हो जाएगा रजिस्ट्रेशन
ओटीपी की समस्या को देखते हुए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड की सुविधा की है, इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं. इससे मरीजों का बहुत कम समय में ओपीडी में रजिस्ट्रेशन हो जाता है. साथ ही ये मरीजों की अस्पताल पहुंचते ही कम वक्त में सही जगह पहुंचने में मदद करता है. इसके बाद बायोमेट्रिक और फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा द्वारा आभा आईडी डिटेल आसानी से साझाा करना आसान है. इन सुविधाओं को देखते हुए ऐसा तय किया गया है कि एम्स में मरीजों को नये ओपीडी रजिस्ट्रेशन और फॉलोअप पेशेंट्स के लिए आभा आईडी का प्रोत्साहित किया जाएगा. सभी ओपीडी में स्कैन और क्यूआर कोड शेयरिंग की सुविधा दी जाएगी जिससे तत्काल रजिस्ट्रेशन मिल सके.
बिना स्मार्ट फोन वाले पेशेंट के लिए ये होगी सुविधा
गरीब या वंचित वर्ग के जिन मरीजों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उनके लिए एम्स दिल्ली में अलग से काउंटर और केयोस्क की सुविधा सुबह 7 बजे से 10 बजे तक कम से कम दी जाएगी. इन काउंटर्स से मरीज आसानी से अपनी ABHA ID बनवा सकेंगे. फिलहाल न्यू राजकुमारी अमृत कौर (RAK) ओपीडी से 21 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर इसकी शुरुआत की जा रही है. ये एक जनवरी 2023 से प्रभावी रूप से सभी एम्स की ओपीडी में लागू हो जाएगा.
डिजीलॉकर वैलट में होगी पेशेंट हिस्ट्री
आभा आइडी के जरिये एम्स आने वाले सभी मरीजों के पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड एक डिजिटल वैलट में रहेंगे. इस फ्रेमवर्क के तहत एनएचए से सम्बद्ध सभी ई अस्पतालों में मरीजों को आसानी होगी. अपने क्यूआर कोड आधारित ABHA ID के जरिये मरीज सभी हेल्थ रिकॉर्ड डॉक्टर को दिखा सकेंगे. इससे पेपर लेस काम होगा और साथ ही डॉक्टर बीमारी से संबंधी सभी रिकॉर्ड एक जगह देख सकेंगे. इस डिजिलॉकर वैलेट में पेशेंट के डॉक्टरों का पर्चा, लैब रिपोर्ट्स, डिस्चार्ज समरीज, वैक्सीनेशन रिकॉर्ड्स आदि सेव रहेंगे. इससे डॉक्टरों को सही निदान करके रोग का इलाज करने में आसानी होगी.