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चर्चा में है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली ना मनाने का फरमान, जानिए क्या है पूरा मामला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मैं पढ़ने वाले हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को वाइस चांसलर के नाम एक प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें उन्होंने 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह मनाए जाने की अनुमति मांगी थी. इसको लेकर कैंपस में तमाम तरह की चर्चाएं थी. आज एएमयू प्रशासन ने अपना रुख साफ करते हुए इस तरह की किसी भी अनुमति को देने से इनकार कर दिया है.

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Aligarh Muslim University declines permission to play holy in campus
Aligarh Muslim University declines permission to play holy in campus

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में होली मिलन कार्यक्रम मनाए जाने को लेकर हिन्दू छात्रों द्वारा मांगी गई अनुमति पर एएमयू प्रशासन ने अपना रुख साफ कर दिया है. एएमयू प्रशासन का कहना है कि ऐसी कोई भी अनुमति नहीं दी जाएगी. कैंपस में कोई भी नई परंपरा शुरू नहीं होने दी जाएगी. जैसा पिछले सालों में चला आ रहा है, वैसा ही चलेगा. उधर, भाजपा नेता और पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहा कि यदि यहां होली का कार्यक्रम अनुमति नहीं है, तो ईद भी नहीं मनाई जाएगी. इसको लेकर हिंदू छात्रों में भी रोष है.

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भाजपा नेता बोले- फिर ईद भी नहीं मनेगी

दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को वाइस चांसलर के नाम एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उन्होंने 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह मनाने की अनुमति मांगी थी. इसको लेकर कैंपस में तमाम तरह की चर्चाएं थीं. आज एएमयू प्रशासन ने अपना रुख साफ करते हुए इस तरह की किसी भी अनुमति को देने से इनकार कर दिया है.

हिंदू छात्र अखिल कौशल ने बताया कि हमने और कई छात्रों ने मिलकर 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर के माध्यम से वाइस चांसलर को एक अनुमति के लिए आवेदन दिया था, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि 9 मार्च 2025 को एनआरएससी क्लब में एक होली मिलन समारोह की अनुमति दी जाए. इसमें कल प्रॉक्टर ने मौखिक रूप से हमें बताया कि एएमयू के वाइस चांसलर ने इसको लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें कई डीन और प्रोफेसर मौजूद थे. उसमें निर्णय लिया गया कि इस होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी. लेकिन आज सारी जानकारी से यह पता चल रहा है कि एएमयू के प्रॉक्टर अपने बयान से पलट रहे हैं और हमें लिखित में कुछ भी देने से इंकार कर रहे हैं.

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हम करना तो नहीं चाहते, लेकिन यदि हमें मजबूर किया जाएगा, तो हमारे पास कई सारे ऑडियो और वीडियो सबूत हैं, जिनमें ये लोग स्पष्ट रूप से कहते नजर आ रहे हैं कि एएमयू में एनआरएससी क्लब में 9 मार्च को होली मिलन समारोह के आयोजन के लिए दी गई आवेदन की अनुमति नहीं दी गई है. मेरा सवाल यह है कि एएमयू में हर विभाग और हर हॉस्टल में इफ्तार पार्टी का आयोजन होता है. हमने तो सिर्फ एक बार होली मिलन समारोह की अनुमति मांगी थी, इससे भी कई लोगों को परेशानी है. एएमयू में ईद का जुलूस, मोहर्रम का जुलूस, चेहल्लुम का जुलूस निकाला जाता है, हमें किसी भी धार्मिक जुलूस या आयोजन से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन जब प्रधानमंत्री ने इसे मिनी इंडिया कहा था, तो इंडिया अपने सेकुलरिज्म और धार्मिक विविधता को मानता है, और जो हर धर्म के लोगों को अपने त्योहार मनाने की अनुमति देता है. अगर एएमयू की वीसी मिनी इंडिया मानती हैं, तो उन्हें हर धर्म के लोगों को अपने धार्मिक त्योहार शांतिपूर्वक मनाने के लिए अनुमति देनी चाहिए.

क्या बोले AMU के हिंदु छात्र?

मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि 26 तारीख को एक होली से संबंधित विशेष आयोजन के लिए प्रार्थना पत्र हमें मिला था, जो वाइस चांसलर को संबोधित किया गया था. उसे हमने भेज दिया था, और उस संबंध में आपसे कह सकते हैं कि क्योंकि वह एक विशेष आयोजन के लिए था, और यूनिवर्सिटी में कभी इस तरह का कोई आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है, इसलिए यूनिवर्सिटी ने अपना स्टेटस को बनाए रखा है. जहां तक होली की बात है, होली यूनिवर्सिटी में लड़के हमेशा से खेलते रहे हैं और खेलते रहेंगे. वह अपने कमरे में और विभागों में जैसे पिछले वर्षों में मनाते आए हैं, वैसे ही मनाते रहेंगे. लेकिन विशेष आयोजन के लिए विशेष स्थान पर विशेष अनुमति की जो बात की गई थी, उसके पक्ष में यूनिवर्सिटी नहीं है. छात्र जैसे करते हैं, वैसे करते हैं, लेकिन इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं है.

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यूनिवर्सिटी की जनसंपर्क विभाग की एमआईसी प्रोफेसर विभा शर्मा ने बताया कि प्रॉक्टर साहब ने खुद भी बताया है कि यह एक विशेष कार्यक्रम के लिए विशेष स्थान की अनुमति मांगी गई थी. इस बारे में यूनिवर्सिटी ने अभी कोई निर्णय लिया है कि वह इसे करेगी या नहीं. इस तरह की कोई नई परंपरा शुरू करने के पक्ष में प्रशासन नहीं है. रही बात होली मनाने की, तो होली की परंपरा हमेशा से हमारे कैंपस में रही है, और होली की ही नहीं, हमारे देश के सारे त्योहारों को मनाने की परंपरा रही है. मैं यह कहती हूं कि पूरी यूनिवर्सिटी सारे छात्रों की है. कोई भी कहीं भी अपने पर्व को मना सकता है, प्रशासन को यह देखना होता है कि कौन सा कार्यक्रम कहां होना है या नहीं होना है.

होली ना मनाए जाने पर भाजपा नेता का फूटा गुस्सा

हिंदू छात्रों को अनुमति न मिलने पर पूर्व मेयर और भाजपा नेता शकुंतला भारती ने कहा कि होली खेलने के लिए जिसने भी इस तरह का अल्टीमेटम दिया है, पहले तो मैं उसे चेतावनी देती हूं कि यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान नहीं है. किसी की व्यक्तिगत यह जागीर नहीं है, यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी सबकी है और चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, चाहे सिख हो या ईसाई, कोई भी हो, उन्हें कोई भी अधिकार नहीं है. दूसरी बात, जिस तरीके से ये लोग यह हरकतें कर रहे हैं कि होली नहीं खेली जाएगी, तो मैं कह रही हूं कि वहां ईद भी नहीं मनाई जाएगी. यह खुली चेतावनी है. यह हिंदुस्तान है, हिंदुओं की भावनाओं के साथ कोई भी या किसी की भी भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. होली हमारे एकता का प्रतीक है, प्रेम का प्रतीक है, त्याग का प्रतीक है, इसलिए यह गंदी हरकतें करना छोड़ दें. मैं आज ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को अवगत कराती हूं कि यहां इस तरह की हरकतें हो रही हैं. यह हरकतें रुकनी चाहिए, और मैं चेतावनी देती हूं कि यहां यूनिवर्सिटी में होली मनाई जाएगी, मनाई जाएगी. प्रशासन को अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए होली मिलन की अनुमति प्रदान करनी चाहिए.

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