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AMU 100 Years: शताब्दी वर्ष पर एएमयू के हॉस्टल छात्रों को पीएम मोदी ने दिया ये टास्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब पांच दशक के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले प्रधानमंत्री बने हैं. पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कैंपस के छात्रों को ये टास्क दिया.

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PM Narendra Modi (PTI)
PM Narendra Modi (PTI)

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास से लेकर वर्तमान में छात्रों की खूब तारीफ की. उन्होंने यहां के हॉस्टल छात्रों को एक टास्क भी दिया. 

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पीएम मोदी ने कहा कि AMU के सौ साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सौ हॉस्टल के छात्र कुछ रिसर्च करें. आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आप ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रिसर्च करें, जिनके बारे में अबतक काफी कम लोग जानते हैं. इनमें 75 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, 25 महिला स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकारी इकट्ठा करें. पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि पुरानी पांडुलिपी को डिजिटल क्षेत्र के जरिए दुनिया के सामने लाएं. 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘सर सैयद का संदेश कहता है कि हर किसी की सेवा करें, चाहे उसका धर्म या जाति कुछ भी हो. ऐसे ही देश की हर समृद्धि के लिए उसका हर स्तर पर विकास होना जरूरी है, आज हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के विकास का लाभ मिल रहा है. पीएम बोले कि नागरिक संविधान से मिले अधिकारों को लेकर निश्चिंत रहें, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही सबसे बड़ा मंत्र है. जो देश का है, वो हर देशवासी है और उसका लाभ हर किसी को मिलना चाहिए.

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PM मोदी ने कहा कि समाज के  वैचारिक मतभेदाेें को लेेेकर कहा क‍ि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं लेकिन जब बात राष्ट्र के लक्ष्य के प्राप्ति की हो तो सभी मतभेद को किनारे रख देने चाहिए. देश में कोई किसी भी जाति या मजहब का हो, उसे देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर योगदान देना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि AMU से कई सेनानी निकले हैं, जिन्होंने अपने विचारों से हटकर देश के लिए जंग लड़ी. पीएम मोदी ने कहा कि सियासत सिर्फ समाज का एक हिस्सा है, लेकिन सियासत-सत्ता से अलग देश का समाज होता है. ऐसे में देश के समाज को बढ़ाने के लिए हमें काम करते रहना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगे, तो कुछ तत्व ऐसे होते हैं जिन्हें इससे दिक्कत होगी. वो तत्व हर समाज में हैं, लेकिन हमें इन सबसे आगे बढ़कर देश के लिए काम करना चाहिए. पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर काफी वक्त जाया हो गया है, लेकिन अब वक्त ना गंवाते हुए नये भारत, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करना है.

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