आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दो दिवसीय पंजाब दौरे के आखरी दिन मंगलवार को अमृतसर में शिक्षकों को 8 गारंटी दी हैं. ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले एक-डेढ़ महीने से मेरे पास पंजाब के अलग-अलग इलाकों से शिक्षक मिलने के लिए आ रहे हैं. कच्चे और पक्के हर किस्म के शिक्षक मिलने आ रहे हैं.
शिक्षकों ने बताया कि पंजाब में खासकर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है. पंजाब के 24 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. इन 24 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में है. पढ़ाई के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है. सातवीं-आठवीं कक्षा के स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं हैं. कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें सातों कक्षा के लिए एक ही शिक्षक है. शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने उसके उपर पुताई करा दी और स्मार्ट स्कूल लिखवा दिया. उन स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बना दिया.
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब 2015 में दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी, तब दिल्ली के सरकारी स्कूलों का भी पंजाब की तरह इतना ही बुरा हाल था. दिल्ली के सरकारी स्कूल भी पढ़ाई के नाम पर जीरो थे. अगर कोई गरीब आदमी थोड़ा सा भी पैसा कमा लेता था, तो वह कोशिश करता था कि वह अपने बच्चे को बगल के प्राइवेट स्कूल में पढ़ा लूं. वह सरकारी स्कूल से अपने बच्चे का नाम कटवा लेता था और प्राइवेट स्कूल में भेज देता था. लेकिन, आज 7 साल के बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बिल्कुल कायापलट गई है.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इतना शानदार काम हुआ है कि उसकी चर्चा सिर्फ अपने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों के अंदर भी चारों तरफ चर्चा हो रही है. इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 99.7 फीसद आए हैं. प्राइवेट स्कूलों के भी इतने अच्छे नतीजे नहीं आए हैं. सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया है. हमने जैसे दिल्ली के सरकारी स्कूलों को ठीक किया, वैसे ही पंजाब के सरकारी स्कूलों को भी ठीक करेंगे. अब हमें करना आता है और हमें ही करना आता है, और किसी पार्टी को करना नहीं आता है.
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 70 सालों में कांग्रेस की देश के अंदर कितने राज्यों में सरकार बनी. पंजाब में अभी भी कांग्रेस की सरकार है. उन्होंने तो सरकारी स्कूलों को ठीक नहीं किया, बल्कि उन्होंने तो सरकारी स्कूलों का और बेड़ा गर्क कर दिया. भाजपा की कितने राज्यों में सरकार हैं. उनसे भी सरकारी स्कूल ठीक नहीं हुए. पंजाब के अंदर कांग्रेस की इस सरकार से पहले अकाली दल की 10 साल तक सरकार थी. उनसे तो सरकारी स्कूल ठीक नहीं हुए. आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने एक मौका दिया था और हमने एक ही बार में 5 साल के अंदर दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर दिया.
पंजाब के सरकारी स्कूलों को भी हम ठीक करेंगे. शिक्षक समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. सबसे सम्माननीय होते हैं. आज मैं पंजाब के सारे शिक्षकों को चाहे वे कॉलेज के शिक्षक हों, चाहे वे कच्चे शिक्षक हों या फिर पक्के शिक्षक हों, उन सभी को आमंत्रित और आहवान करता हूं कि जो हम पंजाब का पुननिर्माण करने जा रहे हैं और पंजाब को ठीक करने का जो हमने बीड़ा उठाया है, तो बिना शिक्षा को ठीक किए हम पंजाब को ठीक नहीं कर सकते हैं. जब हम अपने बच्चों का भविष्य ठीक नहीं करेंगे, तब तक पंजाब ठीक नहीं हो सकता है. इसलिए आज मैं उन सभी शिक्षकों को आमंत्रित करता हूं, आइए, आप लोग इस मुहिम में शामिल होइए.
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं शिक्षकों को 8 गारंटी दे रहा हूं. शिक्षकों के कुछ ऐसे मसले हैं, जिनका तत्काल समाधान करने की जरूरत है. इन आठ मुद्दों के उपर मैं शिक्षकों को आठ गारंटी दे रहा हूं.
शिक्षकों को दीं ये 8 गारंटी
1. दिल्ली के अंदर जो सुधार हुए, वह सुधार केजरीवाल ने नहीं किए है न वो सुधार मनीष सिसोदिया ने किए है, बल्कि दिल्ली में शिक्षा के अंदर जो सुधार हुए, वह शिक्षकों ने मिलकर किए. हमने तो केवल उनको अच्छा माहौल दिया था और दिल्ली के शिक्षकों ने कमाल करके दिखा दिया, जादू करके दिखा दिया. हमारी पहली गारंटी यह है कि पंजाब के अंदर भी माहौल बदलेंगे. शिक्षकों को अच्छा माहौल देंगे और शिक्षकों के साथ मिलकर पंजाब के शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली की तरह ही क्रांति लेकर आएंगे. यह हमारी सभी शिक्षकों और अभिभावकों को गारंटी है. इसका मैं मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर पूरा मसौदा तैयार कर रहा हूं.
2. मेरे पास कुछ शिक्षक मिलने आए. उन्होंने बताया कि काम करते हुए उन्हें 18-18 साल हो गए हैं, फिर भी अभी तक वे कच्चे हैं. 18-18 साल काम करने के बाद भी एक शिक्षक को 10 हजार रुपए महीना तनख्वाह मिलती है. शिक्षक की इतनी दुर्गति और इतना अपमान हो रहा है. वहीं, दिल्ली के अंदर अगर कोई अकुशल मजबूर महीने भर काम करता है, तो उसको न्यूनतम वेतन 15 हजार रुपए मिलते हैं. लेकिन पंजाब में शिक्षकों को न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता है.
यहां शिक्षकों को केवल 10 हजार रुपए महीना मिलता है. शिक्षकों ने बताया कि 10 हजार रुपए की तनख्वाह तो अधिकतम है. कई शिक्षक तो ऐसे हैं, जो तीन हजार और 5 हजार रुपए महीने पर काम कर रहे हैं. 18-18 साल तक काम करने के बावजूद कोई शिक्षक आउटसोर्सिंग पर है, तो कोई कांट्रैक्ट पर है. पंजाब में हमारी सरकार बनने के तुरंत बाद आउटसोर्सिंग और ठेके पर काम करने वाले सभी शिक्षकों को पक्का किया जाएगा. ऐसे कई सारे कच्चे शिक्षकों का चंडीगढ़ के पास कई दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है. मुझे पता चला कि वहां एक महिला और दो पुरुष शिक्षक कई दिनों से पानी की टंकी के उपर चढ़े हुए हैं.
उन्होंने दशहरा, दिवाली, करवा चौथ समेत सारे त्योहार पानी की टंकी के ऊपर मनाए हैं. यह बेहद दुख की बात है जिन शिक्षकों को पढ़ाने के लिए क्लास रूम के अंदर होना चाहिए, उन शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. शिक्षकों की दो ही मांग है. एक, सभी रिक्त पदों को भरा जाए और दूसरा, कच्चे शिक्षकों को पक्का किया जाए. मेरी सीएम चन्नी साहब से अपील है कि आप इन शिक्षकों की मांग को तुरंत पूरा कीजिए. आप नहीं पूरा करेंगे, तो हमारी सरकार बनने के बाद हम पूरा करेंगे. कुछ दिनों में चन्नी साहब ने शिक्षकों की मांग को पूरी नहीं की और शिक्षक धरने पर रहे, तो मैं यहां दौरे पर आऊंगा और उनसे मिलने के लिए उनके धरने पर जाउंगा.
3. ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीसरी गांरटी देते हुए कहा कि पंजाब में ट्रांसफर पॉलिसी बहुत ही गड़बड़ है. कल कुछ शिक्षक मिलने के लिए आए. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी है, तो कई शिक्षकों को दो ड्यूटी दे दी जाती है. एक जगह प्रभार दे देते हैं और दूसरी जगह अतिरिक्त प्रभार दे देते हैं. उनकी एक ड्यूटी एक स्कूल हैं और दूसरी दूसरे स्कूल में हैं. वे शिक्षक तीन दिन एक स्कूल में और तीन दिन दूसरे स्कूल में रहते हैं और इनके दोनों स्कूलों में 200 किलोमीटर का फासला है. ऐसे में कोई कैसे काम कर सकता है. यह ट्रांसफर पॉलिसी बदलनी है. शिक्षकों ने बताया कि जो भी थोड़ी सी आवाज उठाता है, उसे उठा कर ट्रांसफर कर देते हैं. लोगों को तंग करने के लिए ट्रांसफर कर रखे हैं.
दिल्ली में हमने ट्रांसफर पॉलिसी को बदली. आज दिल्ली में साल की शुरूआत में हर शिक्षक से पूछते हैं कि आपको किस स्कूल में जाना है. हमें लगता है कि आप शिक्षक को दुखी करके बच्चे को सुखी नहीं कर सकते हैं. अगर शिक्षक दुखी है, तो वह बच्चे को अच्छा पढ़ाएगा ही नहीं. उसके दिमाग में 24 घंटे तनाव रहेगा कि कहां फंस गए. वह अपना ट्रांसफर कराने की कोशिश करता रहेगा. उसका मन 90 फीसद बच्चों को पढ़ाई में नहीं जाएगा इसलिए दिल्ली में हमने तय किया कि हर शिक्षक को उसकी मर्जी के अनुसार उसके घर के पास स्कूल देंगे. उसको घर से भेजने की क्या जरूरत है.
दिल्ली में हर शिक्षक से पूछा जाता है कि वे कहां किस स्कूल में जाना चाहते हैं. कोशिश की जाती है कि सभी शिक्षक को उनकी मनमाफिक स्कूल दे दिया जाए. लेकिन अगर कहीं नहीं हो पाता है, तो उसको कोई पास का स्कूल दे दिया जाता है. दिल्ली की तरह ही पंजाब में भी ट्रांसफर पॉलिसी लागू की जाएगी. ट्रांसफर पॉलिसी पारदर्शी होगी और शिक्षकों को उनकी मन मुताबिक स्कूल दिया जाएगा.
4. चौथी गारंटी, पूरे देश की यह दुर्दशा है कि पढ़ाने के अलावा शिक्षकों से सारा काम कराते हैं. पढ़ाने के अलावा, उनसे बीएलओ का काम करवाते हैं, उनसे क्लर्क का काम करवाते हैं. कई विभागों में डाटा इंट्री का काम करने के लिए शिक्षकों को रखा गया है. शिक्षकों से जनगणना का काम करवाते हैं. सारे काम करवाते हैं, सिर्फ पढ़वाने का काम नहीं करवाते हैं. दिल्ली में हमने आदेश पारित करके सारे काम वापस ले लिए. हमने कहा कि शिक्षक अब सिर्फ पढ़ाने का काम करेगा और इसके अलावा कोई काम नहीं करेगा. दिल्ली में कोई शिक्षक बीएलओ नहीं है. कोई शिक्षक जनगणना का काम नहीं करता है. अभी कोरोना के समय में जब स्कूल बंद थे, उस समय हमने कोरोना के रिलीफ वर्क शिक्षकों से कराया था. इसके अलावा शिक्षकों से कोई दूसरा काम नहीं करवाया जाता है. हमने जैसे दिल्ली में किया है, वैसे ही पंजाब में भी शिक्षकों से नॉन टीचिंग का सारा काम वापस लिया जाएगा. उनसे कोई दूसरा काम नहीं कराया जाएगा.
5.‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पांचवीं गांरटी देते हुए कहा कि पंजाब के अंदर शिक्षकों की ढेरों रिक्त पद हैं. एक तरफ, शिक्षकों के रिक्त पद पड़े हैं, और दूसरी तरफ शिक्षक बेरोजगार घूम रहे हैं. हमारी जैसे ही सरकार बनती है, यह सभी रिक्त पद तत्काल भरे जाएंगे ताकि बच्चों को शिक्षक मिल सकें और शिक्षकों को रोजगार मिल सके.
6. छठा, दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में जो सुधार हुए, वह सभी शिक्षकों ने मिलकर की. उन शिक्षकों और प्रिंसिपल को मोटिवेट करने और ट्रेनिंग देने के लिए विदेशों में भेजा. हमारे शिक्षक फिनलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका गए. इसके अलावा आईआईएम लखनऊ, आईआईएम अहमदाबाद समेत कई आईआईएम के साथ समझौता करके शिक्षकों को वहां पर ट्रेनिंग करने के लिए भेजा. जैसे दिल्ली के शिक्षक को हमने विदेशों और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में भेजा, वैसे ही पंजाब के शिक्षकों को ट्रेनिंग करवाने के लिए विदेशों में भेजेंगे.
7. सातवां, अभी पंजाब में शिक्षकों समय से प्रमोशन नहीं मिलता है. यहां प्रमोशन की कोई पॉलिसी नहीं है इसलिए हर आदमी को प्रमोशन लेने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ रहा है. यह बंद किया जाएगा और सबको समय पर प्रमोशन दिया जाएगा. आठवीं के तहत सभी शिक्षकों और उसके परिवार के लोगों को कैशलेस मेडिकल का प्रबंध किया जाएगा. दिल्ली के अंदर भी हमने सभी शिक्षकों के लिए किया है, पंजाब में भी किया जाएगा.
8. ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सभी शिक्षकों से वोट मांगते हुए कहा कि आप लोगों ने कांग्रेस को भी देखा, अकाली दल को भी देखा, एक मौका आम आदमी पार्टी को भी देकर देखो जैसे दिल्ली में हमने परिवर्तन किया. वैसे ही पंजाब के अंदर भी परिवर्तन करेंगे. मेरी सभी शिक्षकों से हाथ जोड़कर गुजरिश है कि यह चुनाव पंजाब का भविष्य बदल सकते हैं. आप सब लोग भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को जरूर कहें कि वे बढ़ चढ़कर आम आदमी पार्टी को वोट दें, ताकि हम नया पंजाब बना सकें.