Excellence in Education Award: दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से शुक्रवार को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान करने वाले छात्रों-शिक्षकों को एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस अवार्ड के बारे में कहा कि हम बच्चों-शिक्षकों को साल 2015 से ये अवार्ड दे रहे हैं. तब ये एक नन्हा पौधा था, अब लोगों को यह अवार्ड बड़े तमगे जैसा लगता है.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिन पहले हवाई यात्रा में मुझे एक महिला मिली थीं. उन्होंने गर्व से कहा कि आप जो Excellence in Education Award देते हैं, वो पिछली बार मैंने अपने स्कूल की तरफ़ से लिया था. वो ये बात बहुत गर्व से बता रही थीं. मुझे ये सुनकर बहुत अच्छा लगा. अवार्ड समारोह में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने शिक्षा में भेदभाव को मिटाने का काम किया है.
पहले दिल्ली में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी, एक सरकारी स्कूलों की और एक प्राइवेट स्कूलों की. सरकारी स्कूलों की शिक्षा खराब होती थी, लोग मजबूरी में बच्चे को यहां पढ़ाते थे. पिछले सात-आठ सालों में प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की शिक्षा की खाई पटी है. अब सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट जैसी शिक्षा है. एक्सिलेंस अवार्ड दोनों शिक्षा प्रणाली का संगम है. इसमें दोनों तरह के स्कूल शामिल होते हैं. अब कोई भेदभाव नहीं है.
एमसीडी स्कूल क़रीब 1800 हैं, उन्हें भी हम जल्द ही ठीक करने का प्रयास शुरू करेंगे. हमारा सपना है कि दिल्ली को पूरी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बनाएं. हम आज जहां हैं इसमें शिक्षकों प्रिंसिपल्स ने बहुत मेहनत की है. हमने तरह तरह के कार्यक्रम चलाए जिसमें सबने हिस्सा लिया. ख़ासकर PTM, ग़रीब लोग जिन्होंने कभी स्कूल की तरफ़ नहीं देखा था उनसे जब शिक्षकों ने बच्चों को लेकर बातचीत शुरू की तो यह उनके लिए कल्चरल शौक़ था. अभी तक के नतीजे अच्छे हैं, हम ज़रूर कामयाब होंगे.
शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए टीचर्स और प्रिंसिपल ने बहुत मेहनत की है. पेरेंट्स ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, तभी सब सुधरा है. गरीब रिक्शेवाले ने जिसने स्कूल में कभी झांककर नहीं देखा था, जब उन्हें पहली बार पीटीएम के लिए बुलाया गया तो ये उस वर्ग के अभिभावकों के लिए बड़ी बात थी. अब उम्मीद है कि जिस रास्ते पर हम चले हैं, वो सही है.