
BBC Documentary Controversy Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली, कोलकाता, केरल, पंजाब समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर छात्रों के दो गुट आमने-सामने हैं. एक तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) विंग के छात्र बीसीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का विरोध कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) विंग के छात्र इसकी स्क्रीनिंग करवाना चाहते हैं.
दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को छोड़ा
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी से बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री देखने के दौरान हिरासत में लिए गए सभी 24 छात्रों को छोड़ दिया है. पुलिस ने 15-20 मिनट बाद छात्रों को छोड़ा.
कोलकाता के प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में नारेबाजी
पश्चिम बंगाल में भी डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद देखने को मिला. यहां कोलकाता में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्यों ने प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में बिजली कटने के बाद नारेबाजी की. बताया जा रहा है कि एसएफाई के कुछ छात्र बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले थे. बाद में बिजली की सप्लाई बहाल की गई.
TISS: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग हुई तो होगी सख्त कार्रवाई
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), मुंबई ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है. टीआईएसएस द्वारा जारी नोटिस में संस्थान के सभी छात्रों को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने से मना किया गया है. साथ ही ऐसी किसी मीटिंग न करने के लिए कहा है जिससे कैंपस का माहौल खराब हो. अगर किसी छात्र इस तरह की गतिविधि में शामिल पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डीयू में बीबीसी की स्क्रीनिंग में पहुंची बाहरी महिलाएं
दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की प्लानिंग हो रही थी. दिल्ली पुलिस ने करीब 24 लोगों डिटेन किया है. जानकारी के अनुसार, इस स्क्रीनिंग में कैंपस से बाहर की कुछ महिलाएं भी हिजाब पहनकर पहुंची थी. महिलाओं को डीयू के आर्ट्स फैकल्टी से बाहर निकाला गया है.
DU के 24 छात्र हिरासत में लिए गए
दिल्ली यूनिवर्सिटी में अब BBC डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने अब तक 24 छात्रों को हिरासत में ले लिया है. कुछ छात्र कैंपस के अंदर जाकर स्क्रीनिंग की कोशिश कर रहे थे जिन्हें दिल्ली पुलिस ने बाहर निकाल दिया है. यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री से ठीक पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैंपस में बिजली काट दी. ऐसे में छात्रों ने अपने लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी. छात्रों ने एडमिनिस्ट्रेशन के विरोध में नारेबाजी की.
कई छात्रों को आर्ट्स फैकल्टी के बाहर से हिरासत में ले लिया गया, जिसके बाद छात्र 'दिल्ली पुलिस गो बैक' के नारे लगाते रहे. छात्र संघ NSUI ने कहा है कि दिल्ली पुलिस से शांतिपूर्ण तरीके से डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग आयोजित करने की छूट देने की मांग की है. छात्र हर हाल में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाहते हैं.
अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी हुआ बवाल
शुक्रवार की दोपहर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कैंपस में भी जमकर बवाल हुआ. BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर ABVP और लेफ्ट विंग के छात्र आमने-सामने आ गए. एक दूसरे के खिलाफ दोनों छात्र गुटों ने जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन के सिक्योरिटी गार्ड मौजूद थे. कैंपस के मेन गेट को बंद कर दिया गया था. आई-कार्ड दिखाने पर भी कुछ छात्र अंदर नहीं जा पा रहे थे. कैंपस के मेन गेट के बाहर कुछ पुलिस वाले मौजूद थे. कुछ देर के लिए इलाके के DCP भी कैंपस के अंदर गए और उन्होंने कहा कि हालात सामान्य हैं. वह अपने इलाके के कॉलेजों का जायजा लिया है.
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर NSUI अड़ा
NSUI का कहना है, 'हम दिल्ली पुलिस से अनुरोध करना चाहते हैं कि हमें स्क्रीनिंग की अनुमति दें, हम इसे चुपचाप करेंगे. कोई दंगा नहीं भड़केगा. हम किसी भी हाल में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाएंगे. 2014 से लगतार छात्रों या NSUI पर प्रहार किया जा रहा है. हम वापस नहीं जाएंगे. हम स्क्रीनिंग जरूर करेंगे.
हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी SFI और ABVP आमने सामने
BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में SFI और ABVP के कार्यकर्ता आमने सामने हैं. यहां SFI द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी गई थी. इस दौरान ABVP कार्यकर्ताओं ने कश्मीर फाइल्स फिल्म दिखाई. इससे पहले छात्रों के एक गुट ने प्रशासन से अनुमति लिए बगैर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी. इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी. हैदराबाद यूनिवर्सिटी में एसएफआई द्वारा रखी गई स्क्रीनिंग में 400 छात्र मौजूद रहे थे. हालांकि, इससे पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा दोनों गुटों के छात्रों को किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग न करने की सलाह दी थी.
पंजाब यूनिवर्सिटी में हाफ टाइम में रोकी गई थी स्क्रीनिंग
पंजाब यूनिवर्सिटी में NSUI ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू हुआ थी लेकिन हाफ टाइम के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे रोक दिया. नेशनल यूनियन स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया (NSUI) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया था.
.@NSUIChandigarh organised a screenplay of the BBC Modi documentary at Panjab University. The state president and many students watched the truth about democracy killers. pic.twitter.com/8dm9JizzuF
— NSUI (@nsui) January 25, 2023
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर कैसे शुरू हुआ विवाद?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में बीते मंगलवार (24 जनवरी 2023) को पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई. छात्रों का आरोप है कि स्क्रीनिंग के दौरान कैंपल की बिजली काट दी गई और इंटरनेट बंद कर दिया गया.दावा यह भी किया गया कि कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग में शामिल स्टूडेंट्स पर पथराव भी किया. विवाद हुआ तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्क्रीनिंग रद्द कर दी. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले पर कहा कि ऐसे किसी आयोजन की परमिशन नहीं ली गई थी और इस तरह की 'अनधिकृत गतिविधि' यूनिवर्सिटी परिसर की शांति और सद्भाव को बिगाड़ सकती है.
इसके बाद जेएनयू स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन समेत अन्य संगठनों के छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी. AISA जेएनयू अध्यक्ष कासिम ने कहा कि बीबीसी की स्क्रीनिंग के दौरान ABVP के गुंडों ने छात्रों पर पथराव किया. यह गुंडागर्दी है. जेएनयू छात्रसंघ ने गंगा ढाबा से चंद्रभागा हॉस्टल तक मार्च भी निकाला.
जामिया में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद
जेएनयू में हंगामा शांत भी नहीं हुआ था कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर विवाद शुरू हो गया. इसे शांत करने के लिए 24 जनवरी को जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सर्कुलर जारी किया है जिसमें 29 अगस्त 2022 के ऑर्डर का हवाला देते हुए बताया गया है की जामिया कैंपस के अंदर किसी भी स्टूडेंट की मीटिंग, गेदरिंग की इजाजत नहीं है. यहां तक कि कैंपस के गेट पर भी एकट्ठा होने की परमिशन नहीं है. बिना परमिशन के कोई भी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
(मिलन शर्मा, अरविंद ओझा के इनपुट के साथ)