इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है. इंदौर के इस कॉलेज में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि वह अपने सभी आधिकारिक दस्तावेजों, डिग्री और मार्कशीट में इंडिया शब्द की जगह पर "भारत" शब्द का उपयोग करेगा. डीएवीवी के कुलपति डॉ. राकेश सिंघई ने कहा कि यह प्रस्ताव कार्यकारी परिषद के एक सदस्य द्वारा "एक राष्ट्र, एक नाम-भारत" की अवधारणा के तहत पेश किया गया था.
सभी जगह लिखा जाएगा ‘भारत’
डीएवीवी के कुलपति सिंघई ने बताया, "कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि विश्वविद्यालय अपने सभी दस्तावेजों, डिग्रियों, मार्कशीट, देश और विदेश में पत्राचार और रोजमर्रा के कामकाज में केवल "भारत" का उपयोग करेगा."उन्होंने कहा कि उनका विश्वविद्यालय इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला संभवत: देश का पहला विश्वविद्यालय है.
विजिटिंग कार्ड पर भी हो रहा भारत शब्द का इस्तेमाल
1964 में राज्य सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय के वीसी ने कहा, 'हमारे देश को प्राचीन काल से भारत कहा जाता है.' सिंघई ने कहा, "देश को इंडिया नाम अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के अनुसार दिया था. हमें अपने देश का मूल नाम भारत हर जगह इस्तेमाल करना चाहिए. वीसी ने कहा कि वह लंबे समय से अपने विजिटिंग कार्ड पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में देश के नाम के रूप में "भारत" का उपयोग कर रहे हैं.