शिक्षक भर्ती (Teacher Jobs) की तैयारी कर रहे उन हजारों के लिए अच्छी खबर है जिन्होंने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) या दूसरे राज्यों से टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) एग्जाम पास किया है. ऐसे सभी उम्मीदवार अब झारखंड में निकलने वाली शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे. झारखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है.
झारखंड हाईकोर्ट ने सीटीईटी और पड़ोसी राज्य से टीईटी एग्जाम क्लियर कर चुके उम्मीदवारों राज्य में 26000 पदों पर निकली सहायक आचार्य भर्ती में भी शामिल करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश सीटीईटी पास अभ्यर्थी संघ व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लिया है.
अभ्यार्थियों के लिए शर्त
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीटेट व दूसरे राज्यों से टीईटी पास करने वाले झारखंड के अभ्यर्थी अगर शिक्षक पद पर नौकरी पाना चाहते हैं तो उन्हें तीन साल के अंदर झारखंड टीचर एजिबिलिटी टेस्ट (JTET) क्लियर करना होगा. हालांकि अगर राज्य सरकार तीन साल में जेटीईटी एग्जाम आयोजित नहीं करती है तो ये शर्त लागू नहीं होगी. कोर्ट राज्य सरकार को हर साल कम से कम एक जेटीईटी एग्जाम आयोजित करने का आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने एडवॉकेट जनरल राजावी रंजन से कहा कि वो राज्य सरकार से संबंधित अधिकारियों को ये बताएं कि कोर्ट का आदेश प्रार्थियों को परीक्षा प्रक्रिया में शामिल करने का है. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि सीटीईटी में क्षेत्रीय भाषा नहीं होती है, इसलिए ये मानना संभव नहीं होगा. हालांकि खंडपीठ के मौखिक निर्देश के बाद महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार सहमत है. बेंच ने कहा कि राज्य के लाखों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे, ये ठीक नहीं होगा.
पिछले सात साल जेटीईटी नहीं होना दुर्भाग्य की बात: कोर्ट
याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार ने साल 2016 के बाद से शिक्षक पात्रका परीक्षा यानी जेटीईटी आयोजित नहीं किया है लेकिन राज्य में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है, इसके आवेदन मांगे जा रहे हैं. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड में पिछले सात साल से टीईटी आयोजन नहीं किया गया. बेंच ने ये भी कहा कि कोर्ट राज्य के हित में ये फैसला दे रहा है, जो अभ्यर्थियों के हित में है. बता दें कि 18 अगस्त 2023 को इस मामले में सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.