बोर्ड परीक्षा में अच्छे से हो जाए इसलिए माता-पिता दही और शक्कर से बच्चे का मुंह मीठा कराते हैं साथ ही उम्मीदवार अपने अराध्य के सामने हाथ जोड़कर घर पेपर देने जाते हैं. बिहार के एग्जाम सेंटर ने भी इस पुरानी रीत को फॉलो किया है. आज से बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. आज सुबह जब छात्र प्रथम पाली में MIL (हिंदी) का एग्जाम देने पहुंचे तो सेंटर पर उनका स्वागत किया गया.
रोली चंदर लगाकर हुआ छात्राओं का स्वागत
एग्जाम सेंटर में एंट्री के दौरान जब छात्रोंओं की चेंकिग की गई तो उनके माथे पर रोली और चंदन लगाया फिर एक फूल और टॉफी देकर उनका स्वागत किया गया. ताकि छात्र स्ट्रेस फी होकर अपनी परीक्षा दे पाएं. इससे परीक्षार्थियों ने मुस्कुराते हुए परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश किया. बोर्ड द्वारा जिले में चार केंद्र मॉडल बनाये गए हैं, जिन्हें विशेष रूप से सजाया भी गया है.
जूते-मोजे पहनकर नहीं दे सकते परीक्षा
बता दें कि इस साल 10वीं की परीक्षा के लिए कुल 16,94,781 छात्र-छात्राओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें 8,72,194 छात्राएं और 8,22,587 छात्र हैं. बिहार में 38 जिलों के 1585 केंद्रों पर यह एग्जाम लिया जा रहा है. 10वीं बोर्ड की यह परीक्षाएं 23 फरवरी 2024 को खत्म हो जाएंगे. बुधवार को मातृभाषा विषयों की परीक्षा ली जा रही है. इस साल बिहार बोर्ड ने जूता-मोजा पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी है.
परीक्षा देने वाले उम्मीदवार ध्यान दें ये बातें
परीक्षा देने से पहले एडमिट कार्ड की हार्ड कॉपी, पेन, पेंसिल आदि जरूरी सामान ले जाना ना भूलें. याद रखें कि परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल, ब्लू-टूथ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की सख्त मनाही है. इसके अलावा मोबाइल और कलाई घड़ी प्रतिबंधित कर दिया गया है. समिति की ओर से कहा गया है कि कमरों में दीवार घड़ी लगाई जाए, ताकि बच्चों को समय की जानकारी होती रही. परीक्षा से पहले सभी घड़ियों का समय मिला लेने को भी कहा गया है. परीक्षा भवन में ब्लूटूथ, पेजर, इलेक्ट्रॉनिक वाच, स्मार्ट वाच, मैग्नेटिक वाच प्रतिबंधित है.