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कोलकाता से पटना आते हुए NEET पेपर लीक 'मुखिया' ने उड़ाया था बिहार सिपाही भर्ती का पर्चा, EOU का खुलासा

बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने पर परीक्षा स्थिगत कर दी गई थी. इसके लिए करीब 18 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा फार्म भरे थे. नीट परीक्षा में पेपर लीक कराने वाले मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के गैंग ने ही बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराया था.

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Bihar Police Bharti Paper leak
Bihar Police Bharti Paper leak

बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने नया खुलासा किया है. इओयू ने बताया कि NEET पेपर लीक के आरोपी संजीव मुखिया ने बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग एजेंसी तक अपनी पहुंच बनाई थी. सबसे पहले परीक्षा के पश्न पत्र कोलकाता में छपे. इसके बाद पेपर्स को पहले उन्हें पटना और फिर मोतिहारी ले जाया जा रहा था, इसी दौरान रास्ते में पेपर लीक कर दिया गया था. 

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आउटसोर्स करने वाली कंपनी पर पहले भी लग चुका है पेपर लीक का आरोप

1 अक्टूबर 2023 को सिपाही भर्ती की परीक्षा थी, उसके चार दिन पहले ही संजीव मुखिया गिरोह ने पेपर लीक कर दिया था. केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) ने प्रिंटिंग पैकेजिंग के लिए एक ऐसी एजेंसी का चयन किया जो सेल कंपनी थी, इस सेल कंपनी ने दूसरी कंपनी को प्रश्न पत्र प्रिंटिंग पैकेजिंग और पहुंचने के लिए आउटसोर्स कर लिया था. जिस कंपनी को आउटसोर्स किया गया उसे कंपनी पर पहले से ही उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का आरोप है. 

ब्लैक लिस्टेड कंपनी के मालिक ने दूसरी कंपनी बनाकर कराई प्रिंटिंग-पैकेजिंग

जांच में सामने आया कि संजीव मुखिया ने प्रिंटिंग एजेंसी को अपने रडार पर लिया और उसके दो मुंशीयों को अपने साथ जोड़कर प्रश्न पत्र लीक कर दिया था. कौशिक कुमार की Blessing Secured Press Pvt. कंपनी उत्तर प्रदेश पेपर लीक मामले में ब्लैक लिस्टेड थी. कौशिक कुमार ने एक नई शेल कंपनी Caltex Multiventure Pvt. Ltd. बनाकर बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग, पैकेजिंग और उसे कोषागार तक पहुंचाने का टेंडर लिया था. 

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सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र छापने के बाद उसे प्रिंटिंग प्रेस से सीधे को सरकार तक पहुंचना था, लेकिन एजेंसी ने एक और कंपनी D.P. World Express Logistic Pvt. Ltd के पटना स्थित वेयरहाउस में प्रश्न पत्र पहुंचा दिया. इस एजेंसी के वेयरहाउस से जब प्रश्न पत्र मोतिहारी कोषागार जा रहा था, तब परीक्षा के चार दिन पहले ही संजीव मुखिया गिरोह ने इस रास्ते में लीक कर दिया था. 

केंद्रीय चयन पर्षद, बिहार (सिपाही भर्ती) परीक्षा को 21 हजार 391 पदों के लिए आयोजित किया गया था. इसके लिए करीब 18 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा फार्म भरे थे. एक अक्टूबर को दो पालियों में परीक्षा ली गई थी मगर परीक्षा से पहले ही प्रश्न-पत्र की उत्तर कुंजी (एंसर-की) वाट्सएप, फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई. इसके बाद दो अक्टूबर को न केवल एक तारीख को ली गई परीक्षा को रद्द कर दिया गया बल्कि 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया था.

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