Bihar Government Job Scam: सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार ने गहरी पैठ बना ली है. रिक्तियां आते ही घोटाले का शिकार हो जाती हैं. खबर आ रही है कि राज्य में एक गिरोह सक्रिय है जो युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे की वसूली करती है. ताजा मामला बिहार सचिवालय में माली के पद पर होने वाली बहाली से जुड़ा हुआ है.
150 अभ्यर्थियों के साथ हुआ फर्जीवाड़ा
सचिवालय में माली की बहाली के नाम पर बेरोजगार युवकों से 5-5 लाख रुपए ठगे जाने की बात सामने आई है. ठगी के शिकार युवकों की मानें तो करीब 150 अभ्यर्थियो के साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब माली की बहाली के लिए इंटरव्यू देने वाले जॉइनिंग लेटर के साथ न्यू सचिवालय स्थित विकास भवन के भवन निर्माण विभाग में पहुंचे. जॉइनिंग के पहले जमकर बवाल मचा और फिर उस शख्स को अभ्यर्थियों ने पकड़ा जो कैंडिडेट को इंटरव्यू के लिए बाहर से किसी अधिकारी के चेंबर में ले जा रहे थे.
फर्जीवाडे़ का ऐसे चला पता
अभ्यर्थियों की गिरफ्त में आए शख्स का नाम कौशलेंद्र बताया जाता है. यह शख्स जहानाबाद का रहने वाला है. ठगी के शिकार युवकों ने बताया कि 2019 में एक हजार माली के पदों की की बहाली की बात सामने आई. सभी लोगों से विकास भवन में फार्म भरवाया गया. कौशलेंद्र और एक रिश्तेदार ने मिलकर अभ्यर्थियों से अब तक लाखों रुपये लिए हैं. 17 मई को भी कुछ अभ्यर्थियों का इंटरव्यू भी लिया गया था. आज अभ्यर्थियों ने कौशलेंद्र को बाकी के पैसे देने के लिए बुलाया था. मगर इंदिरा भवन में पोस्टेड फूफा के माध्यम से जय सिंह नाम के अभ्यर्थी को को तब तक फर्जीवाड़े का पता चल गया.
पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई का दिया भरोसा
समस्तीपुर के निलेश नाम के युवक ने बताया कि उसे कहा गया कि तुम्हारी नौकरी लग गई है. उसे एक फर्जी सर्विस बुक भी दिया गया. उसने कहा कि उसे बीपीएसपी के एक सदस्य के आवास पर 22 अप्रैल से 26 मई तक काम भी किया, लेकिन उसके बाद उससे कहा गया कि उसका कांट्रैक्ट खत्म हो गया. इसके बाद से ही निलेश नाम का ये युवा परेशान है. सभी अभ्यर्थियों ने इसकी लिखित शिकायत सचिवालय थाने में की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस उनके मामले को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं एसएसपी ने भरोसा दिलाया है कि इस पूरे मामले की जांच कर अभ्यर्थियों के पैसे वापस कराए जाएंगे.