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बिहार: सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल की खुली पोल, IAS के समाने नहीं कर पाईं जोड़-घटाव, भूलीं अपना नाम

बिहार के वैशाली जिले के सराय में स्थित एक सरकारी स्कूल का दौरा करते वक्त आईएएस केके पाठक ने शिक्षकों से कुछ सवाल-जवाब किए. जिसमें महिला प्रिंसिपल की पोल खुल गई. वह जोड़-घटाव के आसान सवाल का जवाब नहीं दे पाईं. साथ ही डर की वजह से अपना नाम भी भूल गईं.

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बिहार के वैशाली जिले में शिक्षा विभाग के सचिव ने शनिवार को सरकारी स्कूलों का दौरा किया. जहां उन्होंने सरकारी अध्यापकों से व्यवस्था का हाल जाना. इस दौरान वह सराय के एक सरकारी स्कूल की महिला प्रिंसिपल से पूछताछ करने लगे. जिसमें शिक्षिका की पोल खुलकर सामने आई. दरअसल, आईएएस केके पाठक ने महिला प्रिंसिपल से साधारण सा सवाल पूछा, जिसका जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो गया.

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केक पाठक के सामने अपना नाम भूल गईं प्रिंसिपल

केक पाठक ने पूछा कि 29 में से 11 घटाओ तो कितने बचेंगे? शिक्षिका इस साधारण से सवाल का जवाब नहीं दे पाईं. यही नहीं, डर की वजह से वह हकलाने लगीं और अपना नाम भी भूल गईं. इस सवाल का जवाब पहली कक्षा के छात्र भी दे सकते थे, लेकिन सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल यह नहीं कर पाईं. प्रिंसिपल को हाई स्कूल में पढ़ाने के लायक नहीं मानते हुए विभाग द्वारा उनका वेतन रोक दिया है.

स्कूल से दर्जनों शिक्षक गायब

यह घटना वैशाली जिले के सारय में स्थिति एक सरकारी स्कूल की है. जब केक पाठक स्कूल पहुंचे तो दर्जनों शिक्षक स्कूल में उपस्थित भी नहीं थे. जब उन्होंने गायब शिक्षकों का हिसाब लेना शुरू किया तो मैडम हकलाने लगीं और जोड़-घटाव भूल गईं. विद्यालय के 29 शिक्षको में से 11 गायब थे.

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प्रिंसिपल से मांगा गया सफाई पत्र

प्रिंसिपल को लिखे विभागीय पत्र में शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल को 2 दिनों में जबाब देने को कहा है. विभाग ने कहा कि सफाई मिलने के बाद केके पाठक के निर्देश मिलने पर प्रिंसिपल के भाग्य का फैसला किया जाएगा. सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल की यह स्थिति चिंताजनक है. इतने साधारण सवाल का जवाब ना देने महिला प्रिंसिपल की शिक्षा योग्यता पर सवाल उठाता है. इससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा. इसीलिए प्रिंसिपल से लिखित में जवाब मांगा गया है, जिसको देखते हुए उनके ऊपर एक्शन लिया जाएगा. 

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