10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स का अच्छा बोर्ड रिजल्ट और ड्रॉप डाउन रेशियो कम करने के लिए गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गुजरात में शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा में 'Best Of Two Exam' पॉलिसी लागू करने का अहम फैसला लिया गया है. शिक्षा विभाग के इस फैसले से साल 2024 में गुजरात बोर्ड की 10वीं कक्षा में फेल होने वाले 1.28 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. साथ ही 12वीं साइंस के 26,000 तो कॉमर्स के 56,000 से अधिक विद्यार्थियों समेत गुजरात बोर्ड के करीब 2.11 लाख फेल होने वाले विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.
क्या है 'Best of Two Exam' नीति?
दरअसल, गुजरात शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों के बढ़ते ड्रॉप डाउन रेशियो और खराब परिणाम को देखते हुए 'बेस्ट ऑफ टू एग्जाम' नीति लागू करने का फैसला लिया है. इस नीति के तहत छात्रों को अच्छा स्कोर करने का मौका दिया जाएगा. छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा- मुख्य और सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होगी. दोनों परीक्षाओं में से जो स्कोर बेस्ट होगा उसे फाइनल रिजल्ट के तौर पर मान्य रखा जाएगा.
कैसे बेहतर होगा बोर्ड रिजल्ट?
इस फैसले से गुजरात बोर्ड द्वारा तय महीने में आयोजित होने वाली पूरक परीक्षा को देकर विद्यार्थी अपना परिणाम इम्प्रूव कर सकेंगे. विद्यार्थी के मुख्य परीक्षा और पूरक परीक्षा के परिणाम में से जो परिणाम श्रेष्ठ होगा उसे अंतिम परिणाम माना जाएगा. इसके अलावा अगर कोई विद्यार्थी अच्छे परिणाम के साथ पास भी है और अधिक परिणाम की उम्मीद के साथ पूरक परीक्षा में मौजूद रहकर परीक्षा देता है तो भी दोनों परीक्षा में से श्रेष्ठ परिणाम होगा उसे ही अंतिम परिणाम मानकर मार्कशीट दी जाएगी.
ये छात्र नहीं उठा पाएंगे पूरक परीक्षा का लाभ
गुजरात के शिक्षा विभाग की तरफ से लिए गए एक और फैसले के मुताबिक अगर किसी विद्यार्थी ने मुख्य परीक्षा नहीं दी होगी तो वह विद्यार्थी पूरक परीक्षा भी नहीं दे सकेगा. शिक्षा विभाग का यह पैसला दसवीं और बारहवीं बोर्ड के उन विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो फेल हुए होंगे या फिर पास हुए लेकिन अपेक्षा के मुताबिक परिणाम हासिल नहीं कर सके हों. ऐसे विद्यार्थी ‘Best Of Two Exam’ के तहत परीक्षा देकर पानी मार्कशीट में परिणाम में सुधार कर सकेंगे.