सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में लाखों की संख्या में छात्र जुटे हैं. नौ महीने ऑनलाइन पढाई हुई है. अब 31 दिसंबर को देश के शिक्षामंत्री तारीखों की घोषणा कर देंगे. इसे लेकर छात्रों के अभिभावक क्या सोच रहे हैं. आजतक ने परीक्षाओं को लेकर दो घंटे का एक खास आयोजित किया, जिसमें छात्र, अभिभावकों और विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी.
स्टूडेंट विनायिका ने कहा कि मेरी बहन कक्षा 12 के एग्जाम देने जा रही है. हमारे पेरेंट्स बिना सिक्योरिटी के एग्जाम कराने को लेकर डरे हुए हैं. अगर पूरे प्रीकॉशन के साथ परीक्षा ली जाएगी तो पेरेंट्स एग्जाम देने को तैयार होंगे.
टीचर तुषारिका शर्मा ने कहा कि हम जहां तक सोचते हैं कि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हुई तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए.
स्टूडेंट गर्वित ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के जरिये तैयारी करना काफी मुश्किल हो रहा है.
12वीं की छात्रा ईशू द्विवेदी ने पूछा कि हर साल जनवरी में प्री और फरवरी में एग्जाम हो जाते हैं, इस बार कब होंगे.
छात्रा इशिका ने कहा कि मैं एक सलाह देना चाहती हूं कि अगर वैक्सीन बन गई है तो स्टूडेंट्स को पहले दी जाए. ये वैक्सीन एग्जाम में शामिल होने वाले टीचर्स स्टाफ को भी प्राथमिकता से दी जाए.
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जानिए- क्या बोले एक्सपर्ट
जेएस राजपूत पूर्व निदेशक एनसीईआरटी ने कहा कि सभी असमंजस में हैं. चाहे माता-पिता हों या स्टूडेंट सभी असमंजस में हैं. हाल में कोरोना के मामले घटे हैं, टीका भी बन गया है. नई शिक्षानीति के अनुसार जब नौ, 11 और 12 को एक कर दिया गया है तो क्या जरूरी है कि 10वीं की परीक्षा ऑफलाइन कराई जाए. लेकिन दबाव तो सब पर है जिसे सहन करना पडेगा.
सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली ने कहा ने कहा कि आने वाले समय में अच्छा ये होगा कि हम फार्मेटिव सिस्टम को सामने लाएं. एग्जाम तो होंगे, लेकिन कोरोना काल में ये जरूर है कि परीक्षाएं मार्च अप्रैल में होंगी.
सरकार ने छात्रों को दी है ये राहत
इस बार 30 फीसदी सिलेबस घटाया गया है
सभी बाेर्ड एग्जाम ऑफलाइन मोड में ही होंगे
मार्कशीट पर फेल नहीं लिखा जाएगा, न किसी को फेल किया जाएगा.
इस बार एंट्रेंस एग्जाम में प्रैक्टिकल एग्जाम नहीं लिए जाएंगे.
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