प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद पटना में तनावपूर्ण माहौल है. गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज पार्टी के प्रमुख पीके की गिरफ्तारी के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है. पीके की गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस ने गांधी मैदान में वह जगह खाली कराई जहां जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे.
प्रशासन ने उन्हें अवैध रूप से गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने के आरोप में हिरासत में लिया और जगह खाली करने का नोटिस जारी किया था. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद छात्र और समर्थक अभी भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और मीडिया से बात कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
गिरफ्तारी को लेकर नाराज हुए प्रशांत किशोर के समर्थक
पीके की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक आक्रोशित हैं और सोशल मीडिया पर भी विरोध प्रदर्शन जारी है. पटना से प्रशांत किशोर के समर्थक ने ऐअनआई से बात करते हुए कहा, "जब प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया गया तो उनका चश्मा फेंक दिया गया. जब मैं चश्मा लेने गया तो मुझे चोट लग गई और उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. हमें नहीं पता कि प्रशांत जी को कहां ले जाया गया है..." वहीं, एक अन्य समर्थक ने कहा, "उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया. वे सत्याग्रह कर रहे थे, लेकिन सरकार डरी हुई है. हम नहीं जानते कि पुलिस उन्हें कहां ले गई, हम इसका विरोध कर रहे हैं." सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'ये तो होना ही था प्रशांत किशोर को अरेस्ट करेगी पुलिस ये सब ख़ुद प्रशांत किशोर भी जानते थे'. वहीं, एक और अन्य शख्स ने लिखा, 'आंदोलन जीवियो का यही इलाज ठीक है'.
जन सुराज पार्टी ने लगाया ये आरोप
दूसरी ओर जनसुराज पार्टी ने दावा किया है पटना पुलिस ने पीके समर्थकों पर लाठीचार्ज भी किया है. इससे पहले गांधी मैदान में प्रशांत किशोर के साथ मारपीट भी की गई. पुलिस वाले ने थप्पड़ भी मारे. माना जा रहा है कि इस घटना के बाद सियासी बवाल होना तय है. फिलहाल पटना में तनावपूर्ण माहौल है. पटना पुलिस ने गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की जांच की है, जहां जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद भी छात्र पटना में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
4 जनवरी को शांतिपूर्ण ढंग से हुई परीक्षा
न्यूज ऐजंसी पीटीआई के अनुसार, BPSC ने बताया कि 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों के एक चुनिंदा समूह के लिए फिर से परीक्षा देने का आदेश दिया था, जो प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों से घिरी हुई थी. शनिवार को यहां 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई. 12,012 उम्मीदवारों में से लगभग 8,111 उम्मीदवारों ने दोबारा परीक्षा के लिए अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे. हालांकि, 5,943 उम्मीदवार 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा के लिए उपस्थित हुए. बीपीएससी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सभी केंद्रों पर दोबारा परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हुई और किसी भी तरह की कदाचार या गड़बड़ी की कोई रिपोर्ट नहीं मिली.