जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हैं. सुबह की शुरुआत उन्होंने महात्मा गांधी के भजन 'रघुपति राघव राजा राम' से की. जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, "जिसे पिछले 20 साल से लोगों की बात नहीं सुनने की आदत है, वे 4 दिन में लोगों के सामने कैसे झुकेंगे... जब तक बिहार की जनता नहीं जागेगी, तब तक कोई सुधार नहीं होगा. इन लोगों को समझना होगा कि जनता की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं है. यह तभी होगा जब लोग जागेंगे और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आगे आएंगे... लोगों को धर्म, जाति और 5 किलो अनाज से परे सोचना शुरू करना होगा और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के बारे में सोचना शुरू करना होगा..."
छात्रों पर 25 दिसंबर को चली लाठी
जन सुराज के संस्थापक का कहना है कि ये केवल BPSC का आंदोलन बल्कि नागरिक अधिकार का मामला है. छात्र ही इस आंदोलन को आगे लेकर चल रहे हैं. हमने जिस दिन छात्र संसद बुलाई उसके बाद शांतिपूर्ण मार्च किया.इसके साथ ही सरकार ने वार्ता की बात की और हमें डेलिगेशन भेजने को कहा गया. प्रदर्शन की भीड़ में हर तरह के लोग थे. हमने मार्च खत्म करने का फैसला किया, लेकिन पब्लिक एड्रेस सिस्टम सही नहीं रहने के कारण कुछ छात्र समझ नहीं पाए कि करना क्या है.
'हमारे मंच पर किसी पार्टी का झंडा नहीं होगा'
इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. लाठीचार्ज की मैंने नैतिक जिम्मेदारी ली. छात्रों में मेरा भरोसा बनाए रखने के लिए मैंने आमरण अनशन शुरू किया. आज इस आंदोलन का ऐतिहासिक दिन है. आज सभी गुटों के छात्र एक साथ आए हैं. वहीं, छात्रों ने एक नया संगठन बनाया है. छात्रों ने युवा सत्याग्रह समिति बनाई है. इस समिति में कुल 51 सदस्य हैं, यही सदस्य आंदोलन आगे बढ़ाएगी. ये दलीय राजनीति से ऊपर होगा. अब केवल री एग्जाम की बात नहीं है, बिहार में सिस्टम को सुधारने के लिए ये समिति काम करेगी. मैं इन छात्रों का आभार जताता हूं. सरकार कितनी भी ताकतवर हो लेकिन जनबल से बड़ी कोई ताकत नहीं है. हमारे मंच पर किसी पार्टी का झंडा नहीं होगा.
चाहे राहुल गांधी या तेजस्वी यादव हों वो इस मंच पर आएं.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सरकार मुझे गिरफ्तार कर लेगी, इसके बाद भी ये 51 लोग आंदोलन जारी रखेंगे. रजाई में बैठकर आंदोलन नहीं हो सकता है. बिहार में सरकार को डोमिसाइल नीति लागू करनी चाहिए. छात्र अब पीछे नहीं हटेंगे. अब हमसे बात मत करिए, छात्रों से बात करिए. मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा. डॉक्टर कह रहे हैं कम बात करिए, चार दिन से बैठा हूं. हर दिन मीडिया से कोई एक छात्र बात करेगा, ये समिति तय करेगी कि किस छात्र को बात करनी है.
BPSC परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अनशन
आपको बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की हालिया परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए. इसके बाद भी 4 जनवरी को तय समय पर री-एग्जाम का आयोजन हुआ . वहीं, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 70 वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में अनशन कर रहे हैं. प्रशासन ने इसे "अवैध" करार देते हुए उन्हें अनशन स्थल को बदलने का आग्रह किया, लेकिन अध्यक्ष ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. किशोर ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छात्रों की शिकायत सुननी चाहिए, जो भी छात्र तय करेंगे, मैं वही करूंगा.'
1.5 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा DSP का पोस्ट
इसके पहले जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान में कहा कि बीपीएससी परीक्षा (70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स की दोबारा परीक्षा) 15000 छात्रों के लिए हो रही है, लेकिन विरोध करने वालों की संख्या 3.5 लाख है. मुद्दा यह है कि बड़े भ्रष्टाचार के आरोप हैं - आधे से ज्यादा की सीटें बिक चुकी हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप परीक्षा में बैठते हैं - आपको सीट नहीं मिलेगी...डीएसपी का पद 1.5 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है. लोग खुलेआम ऐसा कर रहे हैं सरकार इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है.
छात्रों के प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का समर्थन
राज्यभर में वामपंथी दलों ने 6 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है. इसके अलावा, भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाला और छात्रों के समर्थन में अपना विरोध दर्ज कराया.
13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में हुई गड़बड़ी
13 दिसंबर,2024 को BPSC की पीटी परीक्षा आयोजित की गई थी. लेकिन इस परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में गड़बड़ी पाई गई थी. इसके बाद इस सेंटर के परीक्षा को आयोग ने रद्द कर दिया था. इसके बाद 4 जनवरी को पटना के 22 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा का आयोजन किया गया.