कोरोना के कहर के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की परीक्षा को लेकर राज्यों के बीच कई प्रकार की राय बनी हुई है. कुछ राज्य 12वीं की परीक्षा को रद्द करने पर उतारू हैं तो कुछ राज्यों ने शर्तों के साथ परीक्षा के आयोजन पर जोर दिया है. वहीं, कुछ राज्यों ने बीच का रास्ता अपनाते हुए कहा कि जैसा केंद्र सरकार फैसला करेगी, हम उसे मानने के लिए तैयार हैं.
ज्यादातर राज्यों ने इस बात पर सहमति जताई है कि कोरोना काल में सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा होनी चाहिए लेकिन इसका टाइम घटा दिया जाना चाहिए और उसे 3 घंटे से कम करके डेढ़ घंटा कर दिया जाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम ऐसे राज्य हैं जो 3 घंटे के बजाए डेढ़ घंटे की परीक्षा करवाना चाहते हैं.
वहीं, पंजाब का विचार है कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा व्यक्तिगत रूप से आयोजित की जानी चाहिए, भले ही वह केवल प्रमुख विषयों के लिए ही क्यों न हो. इधर, कर्नाटक और पुदुचेरी राज्य परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार के फैसले के साथ जाने को तैयार है.
सिर्फ दो राज्य ऐसे हैं जो सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा को रद्द करने की बात पर अड़े हैं. ये हैं दिल्ली और महाराष्ट्र. दरअसल, इन दोनों राज्यों का मानना है कि परीक्षा रद्द कर दी जानी चाहिए और बोर्ड को किसी अन्य आधार पर छात्रों के आगे के रास्ते को तय करना सुनिश्चित करना चाहिए.
हालांकि, ज्यादातर राज्य अभी भी 12वीं की परीक्षा के आयोजन के पक्ष में हैं. इन राज्यों का मानना है कि जुलाई-अगस्त के महीने में समय को कम करके परीक्षा का आयोजन किया जा सकता है.