केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई ने घोषणा की है कि जिन छात्रों ने इस साल 10वीं कक्षा में बेसिक गणित का विकल्प चुना है, उन्हें बाद में पेपर के मानक संस्करण (Standard version) को लिखे बिना कक्षा 11वीं में विषय चुनने की अनुमति होगी. दरअसल, देश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि छूट केवल वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए है.
जानकारी के लिए बता दें कि सीबीएसई ने पहली बार 2019 में कक्षा 10वीं में दो-स्तरीय मैथ्स (Standard and Basic) की शुरुआत की. बेसिक मैथ्स उन लोगों के लिए है जो विषय को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं और स्टैंडर्ड मैथ्स उन लोगों के लिए है जो गणित के रूप में अध्ययन करना चाहते हैं कक्षा 11वीं और 12वीं में इसे विषय के तौर पर चुनना चाहते हैं.
ये नया कॉन्सेप्ट उन छात्रों का कुछ बोझ कम करने के लिए है. जो उच्च कक्षा में गणित को आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं रखते हैं. नियमों के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं में गणित जारी रखने की इच्छा रखने वालों को 10वीं कक्षा में गणित का मानक पेपर (Standard Mathematics Paper) पास करना होगा.
यदि किसी छात्र ने बाद में अपना विचार बदल दिया और निर्णय लिया कि वे कक्षा 11वीं में मैथ्स पढ़ना चाहते हैं, तो उन्हें कंपार्टमेंट परीक्षा में कक्षा 10वीं के मानक गणित के पेपर के लिए उपस्थित होना था. 6 अगस्त, 2020 को जारी एक अधिसूचना में, CBSE ने कहा: “कोविड -19 के प्रसार और इस प्रकार कम्पार्टमेंट परीक्षा 2020 में देरी के कारण, यह निर्णय लिया गया है कि वे छात्र जो गणित (बोसिक) के लिए उपस्थित हुए हैं कक्षा 10वीं की परीक्षा और कक्षा 11वीं में गणित का विकल्प चुन सकते हैं.
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