सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के 12वीं के एग्जाम कैंसिल होने के बाद अब बोर्ड का मार्किंग क्राइटेरिया भी आ गया है. मार्किंग क्राइटेरिया आने के बाद आज ट्विटर पर छात्र 12वीं के फार्मूले को लेकर अपने रिएक्शन देते नजर आए. अब मार्किंग स्कीम देखकर छात्रों को ये डर सता रहा है कि किस तरह 11 वीं, प्रीबोर्ड या मिड टर्म के नंबर एड होंगे और फिर कैसे 12वीं की मार्कशीट बनेगी.
सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की मार्कशीट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सीबीएसई ने बताया कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड के रिजल्ट को 12वीं के फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा और नतीजे 31 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे.
सीबीएसई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा. 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे.
30-30-40 फार्मूले पर छात्रों ने कहा कि जिन लोगों ने बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं पर कड़ी मेहनत की है, उनके लिए इस फार्मूले से निराशा हुई है.
सीबीएसई की ही तरह आईसीएसई ने भी 12वीं के रिजल्ट को जारी करने की नीति सुप्रीम कोर्ट को बताई है. 10वीं के नंबर (प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल को लेकर) और फिर 11वीं और 12वीं के प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल में मिले नंबर को आधार बनाकर 12वीं की मार्कशीट बनाई जाएगी. पिछले साल भी आईसीएसई ने इसी नीति से 12वीं के नतीजे घोषित किए थे.