CBSE 12th Exam कैंसिल हो गए हैं, इसके बाद अब दिल्ली यूनिवर्सिटी अभी तक ये तय नहीं कर पाई है कि ग्रेजुएशन में एडमिशन किस तरह होंगे. क्या डीयू में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट का सहारा लिया जाएगा या मेरिट का ही रास्ता रहेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने aajtak.in से बातचीत की.
बातचीत में दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति ने कहा कि भारत सरकार ने जो निर्णय लिया है कि CBSE की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी, इसका असर दिल्ली विश्वविद्यालय पर निश्चित तौर पर पड़ेगा. लेकिन मैं छात्रों को निश्चिंत करना चाहता हूं कि वे चिंता ना करें और हम दाखिला करेंगे. कोशिश करेंगे कि दाखिला प्रक्रिया इस तरह की हो कि जिससे किसी को भी कोई दिक्कत ना हो.
मेरिट पर होंगे दाखिले?
हम जो दाखिला करेंगे वह मेरिट के आधार पर ही होगा और जो भी प्रतिभाशाली हैं उन्हें दाखिले के लिए मौका मिलेगा. CBSE भारत का प्रतिष्ठित बोर्ड है और उनके पास यह क्षमता है कि वह मेधावी छात्रों को हमें मेरिट के आधार पर मार्क्स के साथ दे सकते हैं और हम उसी का सम्मान करेंगे.
हमारे विश्वविद्यालय में जो एडमिशन के लिए परीक्षाएं होती है वह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवाती है. इस बार भी हम देखेंगे कि अगर टेस्ट की आवश्यकता पड़े तो वही एजेंसी टेस्ट लेगी. यूनिवर्सिटी की जो अलग-अलग कमेटी है जो विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करती है वह आपसी सलाह के साथ छात्रों के हित में जो सलाह देगी उसी को अपनाएंगे.
CUCET पर भी संशय
उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि इस बार भी परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ले और अगर नहीं ले पाती है तब हम बाकी विकल्पों को देखेंगे. इस बार हमने सेंट्रल यूनिवर्सिटी कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट की रूपरेखा तैयार कर रखी है और हम चाहते थे कि इसी परीक्षा के आधार पर हम दाखिला लें. उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि सीयूसेट की परीक्षा और छात्रों के मार्क्स के आधार पर मिलाकर दाखिला लिया जाए लेकिन इस बार अगर संभव हुआ तभी परीक्षा हो पाएगी.
अगले सेशन में भी ऑनलाइन होंगी क्लासेज
अगर केंद्र सरकार यह फैसला लेगी कि सीयूसेट की परीक्षा होनी है तो हम पूरी तरह हर विषय का दाखिला उसी टेस्ट के आधार पर करेंगे. अगले साल भी सारी क्लास ऑनलाइन ही होगी लेकिन अगर सिचुएशन बेहतर हो जाती है तो हम ऑनलाइन और फिजिकल क्लास को मिला करके अपनी क्लास शुरू करवाएंगे. आने वाले समय में जो यूजीसी का प्रस्ताव है कि 60 फ़ीसदी फिजिकल क्लास और 40% ऑनलाइन क्लास हो हम उस प्रस्ताव को भी बेहतर मानते हैं. इस बार भी परीक्षाएं ओपन बुक मेथड से ही होंगी लेकिन आने वाले समय में हम सिर्फ फिजिकल परीक्षाएं नहीं बल्कि ओपन बुक परीक्षाओं के साथ मिलाकर ही मूल्यांकन करेंगे.