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सेरेब्रल पाल्सी भी नहीं डिगा सकी हौसला, IIM लखनऊ में ऐसेे पाया एडमिशन

मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है... पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. मुंबई के रहने वाले यश अवधेश गांधी पर ये पंक्त‍ियां पूरी तरह सटीक बैठती हैं. इस साल की कैट परीक्षा में 92.5 परसेंटाइल पाने वाले यश की कहानी जानिए...

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यश अवधेश गांधी
यश अवधेश गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यश Cerebal palsy and dyslexia लोकोमोटिव डिसऑर्डर से पीड़ित है
  • यश अवधेश गांधी ने IIM में प्रवेश दिलाने वाली परीक्षा कैट पास करके लखनऊ आईआईएम में दाख‍िला लिया है
  • यश को इंदौर मुंबई का कॉलेजिएट और लखनऊ का आईआईएम मिला था

मुंबई के रहने वाले यश अवधेश गांधी ने IIM में प्रवेश दिलाने वाली परीक्षा कैट पास करके लखनऊ आईआईएम में दाख‍िला लिया है. उनकी कैट परीक्षा में 92.5 पर्सेंटाइल आई है. डिसएबल कोटे से आने वाले यश को Cerebal palsy and dyslexia लोकोमोटिव डिसऑर्डर है. इसके बावजूद उन्होंने अपने हौसले से ही यह मुकाम हासिल किया है. 

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जानकारी के मुताबिक यश अवधेश गांधी गांधी मुंबई के धाईसर में रहते हैं. उनके पिता एक प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं. यश घर में दो भाइयों में बड़े हैं और  Cerebal palsy and dyslexia लोकोमोटिव डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. 

सीखने की अपनी गजब की क्षमता के साथ यश शुरुआत से ही एमबीए करना चाहते थे और अभी कॉमर्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे. पढ़ाई के साथ-साथ वो कैट की तैयारी भी कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने 2019 में कैट को 92.5 परसेंटाइल से क्रैक किया. यश को इंदौर मुंबई का कॉलेजिएट और लखनऊ का आईआईएम मिला था जिसके बाद लखनऊ में एडमिशन मिलने के बाद ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गई हैं. जैसे ही कॉलेज खुल जाएगा वह लखनऊ पहुंचकर रेगुलर क्लास ज्वाइन करेंगे. 

यश अवधेश गांधी ने आजतक/ इंडिया टुडे को बताया कि आईआईएम आना उनका सपना था. वह लगातार इसकी तैयारी कर रहे थे. कोचिंग के दौरान उन्हें बहुत ही फील होता था कि वह बहुत बच्चों से तेज नहीं है. अक्सर साथ वाले बच्चे उनसे तेज निकल जाते थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. स्टडी के दौरान उनके माता-पिता उनको हमेशा प्रोत्साहन देते रहते थे उनका छोटा भाई उनकी हमेशा मदद करता रहता था. 

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यश बचपन से जिस डिसऑर्डर से गुजर रहे थे, उसको लेकर उनके अंदर एक गजब की क्षमता थी. यश ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मई में उनका रिजल्ट आया और ऑनलाइन एडमिशन हो चुका है. वह फिलहाल ऑनलाइन क्लासेज भी कर रहे हैं लेकिन जैसे ही कॉलेज खुलेगा वो लखनऊ आएंगे. यश सब अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने भाई को देते हैं. उन्होंने यश को आगे बढ़ाने में काफी मदद की. 

 

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