Who is Returning Officer: देश में होने वाले सभी चुनावों के आयोजन में चुनाव आयोग द्वारा बड़ी जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर के कंधों पर होती है. रिटर्निंग ऑफिसर ही तय करते हैं कि चुनाव किस तरह होंगे. ईवीएम, वीवीपैट, मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण, मतगणना केंद्र आदि यानी एड़ी से लेकर चोटी तक, चुनावों की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर को सौंपी जाती है. यह ऑफिसर एक के अलावा कभी-कभी दो क्षेत्रों में भी एकसाथ चुनाव करवाता है. इस दौरान यह अपने लिए एक सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति भी कर सकता है. तो आइए ऐसे में जानते हैं कि रिटर्निंग ऑफिसर कौन होते हैं, इनकी शक्तियां क्या होती हैं.
कैसे होता है निर्वाचन अधिकारी का चयन?
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि निर्वाचन आयोग ही निर्वाचन अधिकारी का चयन करता है. यह काम उसी को दिया जाता है जो सरकार के मामलों से जुड़ा हुआ हो और जिसे चुनावों की पूर्ण जानकारी हो. अधिकतर, कोई सरकारी अधिकारी या राज्य स्तर पर एक महत्वपूर्ण पद रखता हो, उसे निर्वाचन अधिकारी बनाया जाता है, यह कोई आईएएस अधिकारी या जिला मजिस्ट्रेट भी हो सकता है. चुनाव आयोग प्रत्येक लोकसभा (संसद का निचला सदन) निर्वाचन क्षेत्र और प्रत्येक राज्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त करता है. रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति तीन वर्ष की निश्चित अवधि के लिए की जाती है.
क्या होती है निर्वाचन अधिकारी की सैलरी
संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन उस निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर के पास ही दाखिल करते हैं. रिटर्निंग ऑफिसर सभी नामांकन पत्रों की जांच करता है और उम्मीदवारों को आवंटित करता है. रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ही मतदान केंद्र को स्थापित किया जाता है और इसका काम देख-रेख करना है कि मतदान के दिन मतदान सुचारू रूप से हो. निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करता है कि मतदाता पंजीकरण, सुरक्षा, सामग्री के वितरण जैसे सभी पहलुओं को ठीक से किया जाए. वोटों की गिनती के बाद रिटर्निंग अधिकारी द्वारा ही परिणाम भी घोषित किए जाते हैं. जो कि कभी मैन्युअल तरीकों तो कभी इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से किया जाता है.
बता दें कि भारत के चीफ जस्टिस ने हाल में चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनावों के रिर्टर्निंग ऑफिसर को फटकार लगाई है. दरअसल, चीफ जस्टिस ने प्रिजाइडिंग ऑफिस का वो वीडियो भी देखा जिसमें वह वोटों को कथित रूप से रद्द कर रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है. जो कुछ हुआ उससे हम बस स्तब्ध हैं. सीजेआई ने कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की इजाजत नहीं दे सकते. सीजेआई ने चुनाव का पूरा वीडियो पेश करने को कहा है और नोटिस भी जारी किया है.