छत्तीसगढ़ में अब कक्षा 12वीं और 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. 26 फरवरी को छत्तीसगढ़ के रायपुर में भाजपा सरकार ने कक्षा दसवीं और बारहवीं के लिए राज्य बोर्ड परीक्षाएं एक ही शैक्षणिक सत्र में दो बार आयोजित करने का फैसला लिया है. स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश तो जारी कर दिया गया था, लेकिन यह नहीं बताया गया कि यह फैसला किस शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CGBSE) कक्षा 10 और 12 की अंतिम परीक्षा आयोजित करता है. आदेश के अनुसार, अंतिम बोर्ड परीक्षाओं का पहला चरण मार्च में और दूसरा जुलाई में आयोजित किया जाएगा. इससे छात्रों को अपने रिजल्ट में सुधार करने का मौका मिलेगा. जो छात्र सभी विषयों में फेल हो गए हैं या किसी कारण के चलते अनुपस्थित हैं या जो छात्र अपने ग्रेड में सुधार करना चाहते हैं, वे भी एक बार परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे. आदेश के अनुसार, जो छात्र सभी विषयों में उत्तीर्ण हुए हैं, वे दूसरी परीक्षा में एक या अधिक विषयों में अंक सुधार के लिए भी फॉर्म भर सकेंगे.
CBSE में भी लागू होगा ये नियम
सीजीबीएसई के सचिव विजय कुमार गोयल ने एजेंसी को बताया कि नए परीक्षा नियम आने वाले शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे, इस पर अगले कुछ दिनों में निर्णय लिया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले हफ्ते रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि छात्रों के पास शैक्षणिक सत्र 2025 से साल में दो बार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) में बैठने का विकल्प होगा.
ये होंगे फायदे
बोर्ड का मानना है कि अगर साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम होंगे तो छात्रों का तनाव कम होगा. अगर छात्रों को एक और मौका मिलेगा तो वे कम तनाव महसूस करेंगे. साल में दो बार बोर्ड एग्जाम लेने का निर्णय पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा नए पाठ्यक्रम ढांचे के लॉन्च के बाद हुआ है, जिसमें घोषणा की गई थी कि बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक समय और अवसर मिले. छात्रों के पास दो प्रयासों के सर्वोत्तम अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा.