तमिलनाडु में लगातार चल रहे नीट मामले में सरकार नये कदम उठा रही है. इसी क्रम में राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आयोजन के खिलाफ 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर समर्थन मांगा है. पत्र को "संविधान में परिकल्पित शिक्षा क्षेत्र में राज्य सरकारों की प्रधानता बहाल करने के लिए एक संयुक्त प्रयास करने की आवश्यकता" को उजागर करने के उद्देश्य से लिखा गया है. यह पत्र ज्यादातर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को भेजा गया है.
स्टालिन ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गोवा के मुख्यमंत्रियों से इस संबंध में अपना समर्थन देने का अनुरोध किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे संबंधित राज्यों के छात्र, ग्रामीण क्षेत्रों और समाज के हाशिए के वर्गों के लोगों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने में कठिनाई नहीं होती है. हमें अपने संविधान में परिकल्पित शिक्षा क्षेत्र के प्रशासन में राज्य सरकारों की प्रधानता को बहाल करने के लिए एकजुट प्रयास करने की आवश्यकता है.
सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में एके राजन समिति की एक प्रति संलग्न की है, जिसका गठन यह पता लगाने के लिए किया गया था कि NEET ने छात्रों को कैसे प्रभावित किया है. सीएम स्टालिन ने एके राजन समिति की सिफारिश के आधार पर राज्य विधानसभा में पारित तमिलनाडु स्नातक चिकित्सा प्रवेश विधेयक की एक प्रति भी संलग्न की है.
सीएम स्टालिन ने 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संलग्न दस्तावेजों को देखने का अनुरोध किया है. साथ ही लिखा है कि जैसा कि हमारे संविधान में उल्लेख किया गया है, मैं राज्य के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वे एक साथ आएं और शिक्षा विषय को नियंत्रित करने में राज्य के अधिकारों को पुनः प्राप्त करने की दिशा में काम करें.