यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि रिजर्वेशन का लाभ आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए, ताकि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दिया, जिसमें राज्य सरकार से तीन महीने के भीतर 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए नई चयन सूची तैयार करने को कहा गया है.
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. आधिकारिक बयान के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के संबंध में कोर्ट के निर्णय के सभी पहलुओं से अवगत कराया. सीएम योगी ने विभाग को सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के आधार पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले में जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी चयन सूचियों को रद्द कर दिया था, जिसमें आरक्षित श्रेणियों के 6,800 उम्मीदवार शामिल थे. बेंच ने पहले के आदेश को भी संशोधित किया और कहा कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार जो सामान्य श्रेणी की मेरिट सूची के लिए क्वालिफाइड हैं, उन्हें उस श्रेणी में शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए.
शिक्षा मंत्री बोले- युवाओं के भविष्य के साथ गलत नहीं होने देंगे
उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह (बेसिक शिक्षा) ने कहा कि 69,000 शिक्षकों की भर्ती के संबंध में हाईकोर्ट का जो निर्णय आया है, उससे मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सुप्रीम कोर्ट की जो भी टिप्पणियां हैं, समय सीमा के भीतर उनका पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी वर्ग के व्यक्ति के भविष्य या प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ गलत नहीं होने देगी.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि "पसंदीदा उपमुख्यमंत्री" उस सरकार का हिस्सा हैं, जिसने युवाओं से आरक्षण छीन लिया. उन्होंने कहा कि जब लंबी लड़ाई के बाद उन्हें न्याय मिला, तो वह खुद को उनके हितैषी के रूप में पेश करने के लिए आगे आ गए हैं.
अखिलेश की टिप्पणी पर केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार
अखिलेश यादव की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मोहरे एसपी बहादुर का पीडीए एक बड़ा झूठ है. X पर एक पोस्ट में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़े वर्ग के लोगों और दलितों की जीत है, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. मैं उनका तहे दिल से स्वागत करता हूं.