scorecardresearch
 

स्कूलों की प्रार्थना में शामिल हो संविधान की प्रस्तावना, चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री को पत्र ल‍िखकर की मांग

चंद्रशेखर के पत्र की प्रतियां भारत के शिक्षामंत्री और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष को भी भेजी गई हैं. एड. चंद्रशेखर का मानना है कि यह पहल नागरिकों की संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों की जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगी और भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करेगी.

Advertisement
X
Preamble Of Constitution of India
Preamble Of Constitution of India

एक तरफ जहां संसद में संविधान पर बहस चल रही है. वहीं नगीना, उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है जिसमें भारतीय संविधान और उसकी प्रस्तावना को देश भर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों के पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. 13 दिसंबर, 2024 को लिखे गए इस पत्र में उन्होंने चिंता जताई कि संविधान लागू होने के 75 साल बाद भी लगभग 98% भारतीय नागरिकों ने इसे पूरी तरह से नहीं पढ़ा है, जिससे उनके अधिकारों और कर्तव्यों की समझ में कमी बनी हुई है.

Advertisement

चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि सच्चे संवैधानिक मूल्य तभी स्थापित हो सकते हैं. जब प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान और नागरिक संविधान के प्रति जागरूक हों. उन्होंने स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान प्रस्तावना के अनिवार्य पाठ की सलाह दी और विभिन्न संगठनों के माध्यम से गांवों और पड़ोस में संवैधानिक साक्षरता कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का आग्रह किया.

चंद्रशेखर के पत्र की प्रतियां भारत के शिक्षामंत्री और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष को भी भेजी गई हैं. एड. चंद्रशेखर का मानना है कि यह पहल नागरिकों की संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों की जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगी और भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करेगी.

उन्होंने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी संविधान के महत्व को समझे तो इसे शिक्षा के हर स्तर पर शामिल करना आवश्यक है.यह पहल न केवल शैक्षणिक विकास में सहायक होगी बल्कि समाज में समानता और नागरिक भावना को भी बढ़ावा देगी.

Live TV

Advertisement
Advertisement