कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक मई से वैक्सीनेशन का नया चरण शुरू कर रही है. लेकिन अभी भी वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं. इनमें से एक सवाल जो अक्सर पूछा जाता है कि मैंने अगर वैक्सीन का पहला डोज लगा लिया है, और इसके बाद दूसरा डोज लगने से पहले ही मुझे कोरोना हो जाता है, ऐसे में पॉजिटिव आने के बाद दूसरा डोज कब लेना है, या लेना भी है या नहीं.
इस सवाल के जवाब में एम्स दिल्ली में प्रोफेसर डॉ मंजरी त्रिपाठी कहती हैं कि जी हां, दोबारा वैक्सीन लगवानी है. इसे आप आठ सप्ताह के भीतर लगवा लें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीन को लेकर जारी इन्फार्मेंशन में भी कहा गया है कि COVID-19 को फिर से न हो, इसलिए इसके खिलाफ पूरी तरह से सुरक्षित होना है. इसलिए आपको दूसरी खुराक जरूर मिलनी चाहिए. लेकिन दूसरों को वायरस फैलने से बचने के लिए आपको बीमार होने या अपने आइसोलेशन की अवधि के दौरान टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए. जैसे ही आपका आइसोलेशन पीरियड खत्म होता है, आपको दूसरी खुराक मिल सकती है.
अगर आपकी पहली खुराक के तीन या चार सप्ताह हो गए हैं यानी यदि आपकी पहली खुराक को 42 दिन से अधिक समय बीत चुका है, तो आपको अपनी दूसरी खुराक जल्द से जल्द मिलनी चाहिए. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र लेकिन इस समय सीमा के बाहर होने पर तीसरी खुराक की सलाह नहीं देते हैं.
अधिक विस्तृत जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं
इस बारे में एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कई लोग मानते हैं कि कोरोना होने के बाद दूसरे डोज की जरूरत नहीं होगी लेकिन मेरा मनना है कि आप दूसरा डोज भी लगाएं क्योंकि आपकी इम्यूनिटी इससे और भी ज्यादा हो जाएगी.
गुलेरिया ने कहा कि जब आप संक्रमित होते हैं तो वो भी एक तरह से टीकाकरण ही है जिससे आपके बॉडी में एंटीबॉडी बनती है. अगर पहले डोज के बाद कोई संक्रमित हो जाता है तो इसमें भी उसके शरीर में एंटीबॉडी बनेगी उसे सुरक्षा मिलेगी. वो अपना दूसरा डोज 6 हफ्ते या 3 महीने बाद लगा सकता है.