
CUET Exam starts 15 July: देशभर में Common University entrance test (CUET) 15 जुलाई से शुरू हो रहे हैं. कोरोना काल में अधिकतर क्लासेज या तो हुई नहीं या फिर ऑनलाइन आयोजित की गई. अब सीयूईटी एग्जाम सामने हैं तो ऐसे में छात्र खुद को नर्वस और परेशान महसूस कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी में दाखिले का इंतजार कर रहे छात्र खुद पर दोहरा दबाव महसूस कर रहे हैं.
भोपाल के अमित और हिमांग जो पहले से ही NEET और IIT की तैयारी की वजह से लगातार पढ़ाई में डटे हुए हैं, उनको अब इस बात का दबाव है कि CUET की परीक्षा भी सिर पर है. ऐसे में उनको अब पढ़ाई के लिए और समय निकालना पड़ रहा है.
समस्या यह भी है कि परीक्षा का टाइमटेबल कुछ ऐसा है कि हिमांग की परीक्षा पहले है जबकि उसके दोस्तों की परीक्षा बाद में है जिससे हिमांग को तैयारी के लिए उचित समय नहीं मिल सका. हिमांग की मानें तो तैयारी के लिए थोड़ा समय देना चाहिए था.
भोपाल के मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकान्त त्रिवेदी ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि 12वीं के बाद छात्रों के ऊपर पहले से ही अच्छे कॉलेज और यूनिवर्सिटी के लिए बहुत दबाव रहता है. अब CUET की वजह से उनके पास ऐसे अभिभावक और छात्र आ रहे हैं जो बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ जाने और स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्या बता रहे हैं.
डॉ सत्यकांत कहते हैं कि 2वीं पास करने वाले छात्र की उम्र ज्यादा से ज्यादा 17-18 साल होती है लेकिन जिस तरह से उनके ऊपर भविष्य को लेकर इन परीक्षाओं का दबाव है वह चिंताजनक है. सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में कुछ विचार करे. छात्रों पर बहुत सारी परीक्षाओं का बोझ एकसाथ होने से उनमें स्ट्रेस बढ़ रहा है. 12वीं के बाद करियर की दिशा में बढ़ने के दबाव से जूझ रहे छात्र तमाम परीक्षाओं की तैयारी पर एक साथ फोकस नहीं कर पा रहे हैं.
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाने के लिए 45 central universities में admission के लिए CUET को ज़रूरी कर दिया गया है यानि अब बोर्ड के नंबर काउंट नहीं होंगे. अब CUET के मार्क्स के आधार पर दाखिला मिलेगा. central universities के अलावा कई private universities और deemed universities भी इस आधार पर दाखिला लेंगे.