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दिल्‍ली में 'अंबेडकर स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस' का उद्घाटन, केजरीवाल ने गिनाईं शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां

Ambedkar School of Excellence: सीएम केजरीवाल ने कहा, "जिस बच्चे के पास घर में खाना नहीं था, जिसने जीवन के हर कदम पर भेदभाव का सामना किया, उसने अकल्पनीय ऊंचाइयों को हासिल किया. बीते 100 साल में जितने सपूत भारत में पैदा हुए, उसमे से सबसे महान बाबा साहब हैं."

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Ambedkar School of Excellence (Photo: CM Kejriwal Twitter)
Ambedkar School of Excellence (Photo: CM Kejriwal Twitter)

Ambedkar School of Excellence: अंबेडकर जयंती के मौके पर आज 14 अप्रैल को दिल्‍ली के स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस का नाम बदलकर अंबेडकर स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस कर दिया गया. बता दें कि दिल्‍ली की आम आदमी पार्टी सरकार इससे पहले सभी पब्लिक ऑफिससेज़ में भगत सिंह और अंबेडकर की तस्‍वीरें अनिवार्य करने के फैसला कर चुकी है. मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने आज 'अंबेडकर स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस' का उद्घाटन किया.

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आप एमएलए आतिशी भी मौके पर मौजूद थीं. सभी 30 स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस का नाम अब अंबेडकर स्‍कूल ऑफ एक्सिलेंस कर दिया गया है. मौके पर मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के लिए इससे बड़ी श्रद्धांजलि और क्‍या हो सकती है. उन्‍होंने कहा, "जिस बच्चे के पास घर में खाना नहीं था, जिसने जीवन के हर कदम पर भेदभाव का सामना किया, उसने अकल्पनीय ऊंचाइयों को हासिल किया. बीते 100 साल में जितने सपूत भारत में पैदा हुए, उसमे से सबसे महान बाबा साहब हैं."

उन्‍होंने आगे कहा, ''आज़ादी के बाद भारत में 2 एजुकेशन मॉडल विकसित हुए. पहला अमीरों के लिए और दूसरा गरीबों के लिए. जब हम सत्‍ता में आए, तो कई लोगों ने सुझाव दिया कि सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके बच्‍चे सरकारी स्‍कूलों में पढ़ाना अनिवार्य कर देना चाहिए. इससे सरकारी स्‍कूलों की पढ़ाई की गुणवत्‍ता सुधरेगी. मगर हमने दूसरा मॉडल चुना. हमने सरकारी स्‍कूलों की गुणवत्‍ता का स्‍तर इतना उंचा उठाया कि हर कोई अपने बच्‍चों को सरकारी स्‍कूलों में भेजने के लिए प्रेरित हो."

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उन्‍होंने कहा कि अब तक 3.75 लाख बच्‍चे प्राइवेट स्‍कूलों से निकलकर सरकारी स्‍कूलों में एडमिशन ले चुके हैं. भाजपा विधायकों के दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों के दौरे करने के सवाल पर वह बोले, "हम खुश हैं कि अब राजनीति के नेरेटिव को शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य की ओर ले जाने में कामयाब हुए हैं. हम इसे अपने स्‍कूलों की बेहतरी के लिए सकारात्‍मक चीज़ मानते हैं."

 

 

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