देश की राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर से महज 500 मीटर की दूरी पर महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 17 दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं. सैकड़ों की तादात में ये महिलाएं रोजाना इसी तरह से प्रदर्शन करने आती हैं. अपनी सैलरी बढ़ाए जाने और लंबे वक्त से रुके हुए बकाए को लेकर महिलाओं का प्रदर्शन चल रहा है.
'आज तक' से बात करते हुए महिलाओं ने बताया कि किस तरह से महज 4500 हजार रुपए महीना उनको मेहनताना मिलता है. उसमें भी तीन-तीन महीने सैलरी नहीं आती. सुपरवाइजर से बात करने पर वो कहती हैं कि सैलरी पीछे से नहीं आई है.
2 साल के बच्चे को गोद मे लेकर धरने पर आईं अवंतिका ने बताया कि हम महिलाओं ने कोरोना काल में दिल्ली के घर-घर में लोगों को राशन बांटा हैं. लेकिन आज कोई उनकी सुनने को राजी नही है. वहीं, दिल्ली सरकार पंजाब में चुनाव लड़ने में बिजी है.
आंगनवाड़ी महिला उषा बताती हैं कि उनकी मां बीमार है और पिता को पेरालेसिस है. उनको 9600 रुपए महीना मिलती है. इसमें घर चलाना, किराया देना कैसे होगा कोई भी सरकार उनके इस दर्द को नहीं समझ रही है.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की माने तो पिछले कई दिनों से जब से ये आंदोलन शुरू हुआ सभी राजनीति दल अपना समर्थन देने की बात कर रहे हैं. लेकिन हमें किसी पार्टी का साथ नही चाहिए. हम किसी भी पार्टी को मंच साझा करने नहीं दे रहे है. बता दें कि इससे पहले 2017 में आंगनवाड़ी महिलाओं ने वेतन वृद्धि के लिए धरना दिया था.