दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में इस साल आर्थिक रूप से कमजोर (EWS), वंचित समूहों और दिव्यांगजन वर्ग के बच्चों के एडमिशन में कई बदलाव किए गए हैं. केजी, नर्सरी और पहली कक्षा में दाखिला आज यानी 5 मार्च 2025 से शुरू हो गया है. यह एडमिशन कंप्यूटराज्ड ड्रॉ की मदद से किए जाएंगे. बता दें कि कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ आज दोपहर 2:30 बजे निकाला जाएगा. आइए इस साल हुए बदलावों के बारे में जानते हैं.
इस बार ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए जो दाखिले की प्रक्रिया है उसमें कई सारे बदलाव किए गए हैं. ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आय की सीमा ₹5 लाख सालाना रखी गई है.पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ के जरिए होगी जिसमें कोई भी ह्यूमन इंटरफ्रेंस नहीं होगा. कुल मिलाकर 2.5 लाख आवेदन आए हैं.
इसके अलावा इस बार दाखिले के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी भी रखा गया है साथ ही सर्टिफिकेट की जांच स्कूलों की बजाय डायरेक्टरेट ऑफ़ एजूकेशन अपने जोनल ऑफिस की मदद से करेगा.इन बदलावों की वजह से कोई भी स्कूल किसी भी छात्र को ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में दाखिला देने से मना नहीं कर पाएगा. पहली बार पूरी प्रक्रिया शिक्षा निदेशालय के ठीक बाहर बड़ी टीवी स्क्रीन पर भी दिखाई जाएगी.
38 हजार छात्रों का होगा एडमिशन
एडमिशन के लिए कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ दिल्ली विधानसभा के शिक्षा निदेशालय में शिक्षा मंत्री आशीष सूद की मौजूदगी में होगा साथ ही कंप्यूटरीकृत ड्रॉ को मीडिया और अभिभावक कई स्क्रीन के ज़रिए देख सकेंगे. इस साल के ईवीएस एडमिशन को लेकर शिक्षा मंत्री का दावा है कि जो भी 2.5 लाख आवेदक है जिसमें से 38,000 बच्चों का चयन किया जाएगा. सभी अभिभावक आकर इस पूरी प्रक्रिया को उसे बड़ी स्क्रीन पर देख सकता है. इसका मकसद यह है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए. दिल्ली सरकार का आदेश है कि अगर स्कूल एडमिशन से इनकार करते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी.
दिल्ली सरकार ने जारी किया सर्कुलर
ईडब्ल्यूएस के बच्चों के दाखिला के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी किया. नए सर्कुलर को नहीं मानने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई. शिक्षा निदेशालय ने चेतावनी दी है कि कुछ व्यक्ति, संगठन या संस्था ये दावा कर सकती है कि वह इस प्रवेश प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं. ऐसे दावे पूरी तरह से भ्रामक हैं.
नर्सरी एडमिशन 2025-26: आयु सीमा
बता दें कि राइट टू एजुकेशन (RTE) अधिनियम, 2009 के अनुसार, सभी प्राइवेट गैर सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त स्कूल (अल्पसंख्यक स्कूलों को छोड़कर) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, वंचित समूह और पड़ोस में सीडब्ल्यूएसएन से संबंधित बच्चों को एंट्री लेवल क्लास की संख्या का कम से कम 25% फ्री और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं.