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दिल्ली: स्कूल मैनेजमेंट समितियों को 'बेस्ट एसएमसी अवार्ड' देगी केजरीवाल सरकार

दिल्ली सरकार के 1000 से अधिक स्कूलों में कार्यरत एसएमसी में से 1 सर्वश्रेष्ठ एमएमसी का चयन किया जाएगा. इसके अलावा 15 जिलों में से भी एक-एक सर्वश्रेष्ठ एमएमसी का चयन किया जाएगा. समीतियों को अवार्ड के लिए 02 जनवरी 2024 तक आवेदन करने का समय दिया गया है.

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दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली के स्कूलों बच्चों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन की दिशा में स्कूल मैनेजमेंट समितियों (SMCs) का बहुत बड़ा योगदान रहता है. केजरीवाल सरकार ने अब बेस्ट एसएमसी को एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड में शामिल करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार इन एसएमसी के प्रयासों को मान्यता देने के लिए 'बेस्ट एसएमसी अवार्ड' देगी. 

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02 जनवरी तक मांगे आवेदन
दिल्ली सरकार के 1000 से अधिक स्कूलों में कार्यरत एसएमसी में से 1 सर्वश्रेष्ठ एमएमसी का चयन किया जाएगा. इसके अलावा 15 जिलों में से भी एक-एक सर्वश्रेष्ठ एमएमसी का चयन किया जाएगा. समीतियों को अवार्ड के लिए 02 जनवरी 2024 तक आवेदन करने का समय दिया गया है. कमिटियों के अनुमेदन पर ये आवेदन स्कूल प्रमुख द्वारा किया जाएगा और एसएमसी के चेयरपर्सन और वाईस-चेयरपर्सन द्वारा वेरिफिकेशन करने के पश्चात आवेदन को डीडीई (डिस्ट्रिक्ट) के पास 2 जनवरी तक भेजना होगा. 

कैसे होगा चयन?
पुरस्कार के लिए मूल्यांकन शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान आवेदकों के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा. आवेदनों की जिलावार जिला स्तरीय कमिटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और राज्य लेवल कमिटी को भेजा जाएगा जो अंतिम स्तर पर अवार्डियों का चयन करेंगे.

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दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने में एसएमसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और विवेकपूर्ण फंड उपयोग, परामर्श, स्कूल सुरक्षा सुनिश्चित करने और सामुदायिक सेवा सहित मूल्यांकन मापदंडों की रूपरेखा तैयार की. 

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गठित स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) ने वर्षों से अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्कूलों के साथ अथक प्रयास किया है. एसएमसी को पुरस्कार देने के लिए मूल्यांकन मानदंडों में छात्र उपस्थिति पर प्रभाव, धन का विवेकपूर्ण उपयोग, परामर्श, स्कूल को बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना और सामुदायिक सेवा शामिल है." उन्होंने आगे कहा, "प्रबंधन समितियां इस बात का मानक बढ़ाती हैं कि दिल्ली सरकार के स्कूल हमारे बच्चों को क्या दे सकते हैं."

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