CBSE Board Exam 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई 10वीं क्लास की छात्रा को बोर्ड एग्जाम से रोकने पर फटकार लगाई है. कोर्ट ने एडमिट कार्ड (CBSE Admit Card) जारी करने के बाद छात्रा को एग्जाम हॉल के बाहर रोकने पर अमानवीय व्यवहार बताते हुए कहा कि सीबीएसई को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. साथ ही हाईकोर्ट ने छात्रा को उस दिन का पेपर पूरा करने के लिए समय देने की बात कही है.
बोर्ड ने छात्रा को एग्जाम देने से क्यों रोका था?
दरअसल, सीबीएसई ने समय पर डोमिसाइस सर्टिफिकेट अपलोड न करने की वजह से सीबीएसई 10वीं क्लास की छात्रा को बोर्ड एग्जाम देने से रोका था. हालांकि बोर्ड ने छात्रा का एडमिट कार्ड जारी कर दिया था, लेकिन जब वह अपनी परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पहुंची तो उसे एग्जाम हॉल के बाहर ही रोक दिया था. छात्रा अपनी परीक्षा नहीं दे पाई थी. इसके बाद छात्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई को लगाई फटकार
छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि छात्रा का एडमिट कार्ड जारी करने के बाद छात्र को परीक्षा हॉल में एंट्री देने से रोकना अकल्पनीय है. सीबीएसई को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने छात्र को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित 10वीं कक्षा की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी. हाई कोर्ट ने कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है सीबीएसई से अपेक्षा की जाती है कि वह छात्रों के परीक्षा में बैठने के अधिकार को लेकर सतर्क रहेगी."
अब अन्य छात्र भी दे पाएंगे छूटा हुआ पेपर, हाईकोर्ट का निर्देश
न्यायमूर्ति हरि शंकर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "किसी छात्रा को पहले एडमिट कार्ड जारी करना और जब छात्रा परीक्षा देने आए तो उसे परीक्षा हॉल के बाहर खड़ा करना अमानवीय है." उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि छात्रा तुरंत परीक्षा देने की हकदार होगी. अदालत ने कहा कि बोर्ड को उस समय की भरपाई के लिए पेपर पूरा करने के लिए समय का विस्तार भी दिया जाएगा जिसके लिए उसे परीक्षा दिए बिना परीक्षा हॉल के बाहर इंतजार करना पड़ा ताकि उसे अन्य सभी छात्रों की तरह पेपर पूरा करने के लिए समान समय मिल सके.
उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई अन्य छात्र, जिसे समय पर डोमिसाइस सर्टिफिकेट अपलोड करने के अभाव में परीक्षा हॉल के बाहर रोका गया है, तो ऐसे सभी छात्र ऊपर बताए अनुसार समय के विस्तार के साथ परीक्षा देने के हकदार होंगे. बेंच ने कहा, "कहने की जरूरत नहीं है, यह वर्तमान रिट याचिका के नतीजे के अधीन होगा. परीक्षा देने की अनुमति छात्रों को शेष पेपरों के लिए भी दी जाएगी."