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Delhi School Assessment Guidelines 2022: दिल्ली के स्कूलों में बदला असेसमेंट का तरीका, 'क्या रटा' की जगह 'क्या सीखा' पर जोर

Delhi School Assessment Guidelines 2022: इस असेसमेंंट पॉलिसी से छात्रों को रटने के तरीकों से छुटकारा पाने में भी मदद करेगा जो परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर अत्यधिक और अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं. इसलिए अब रटने से ज्यादा सीखने और समझने पर ज्यादा जोर दिया गया है. 

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्कूलों के लिए न्यू असेसमेंट गाइडलाइन जारी
  • दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने बताई खासियतें

Delhi School Assessment Guidelines 2022: दिल्ली सरकार ने सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए न्यू असेसमेंट गाइडलाइन पेश की है. नई गाइडलाइन के अनुसार अब छात्रों का मूल्यांकन करीकुलर नॉलेज की जगह उनकी अलग अलग वास्तविक जीवन स्थितियों में अपनी समझ को लागू करने की उनकी क्षमता के आधार पर किया जाएगा. नई गाइडलाइन के स्टैंडर्ड भी छात्रों को समाज की उन्नति में योगदान करने के लिए प्रेरित करेंगे. 

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इसके अलावा अगली उच्च कक्षा में पदोन्नत करने के लिए छात्रों को मिले अंकों के किसी भी वेटेज की गणना नहीं की जाएगी. यानी अब नई मूल्यांकन गाइडलाइन के अनुसार, कक्षा 3-8 के छात्रों का मूल्यांकन खुशी और देशभक्ति पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा, जबकि कक्षा 9 और कक्षा 11 के छात्रों का मूल्यांकन देशभक्ति और उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा. यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कक्षा 11 के छात्रों के पास मूल्यांकन के लिए एक अतिरिक्त मानदंड होगा, जो कि बिजनेस ब्लास्टर्स में उनकी भागीदारी है. 

मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए, दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे, जहां छात्रों को वास्तविक जीवन / अपरिचित स्थितियों में इन पाठ्यक्रम की अवधारणाओं के आवेदन के आधार पर सवालों के जवाब देने होंगे. इसके साथ ही उनके पास पाठ्यक्रम के आधार पर अद्वितीय परियोजना कार्य भी होंगे. आकलन की यह नई प्रक्रिया छात्रों की आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक क्षमताओं को और मजबूत करेगी. यह उन्हें रटने के तरीकों की आवश्यकता से छुटकारा पाने में भी मदद करेगा जो परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर अत्यधिक और अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं. इसलिए अब रटने से ज्यादा सीखने और समझने पर ज्यादा जोर दिया गया है. 

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शिक्षा निदेशालय की नई असेसमेंट गाइडलाइन के खास बिंदु:

- शैक्षणिक सत्र 2022-23 में मध्यावधि परीक्षा सितंबर/अक्टूबर में और सामान्य वार्षिक स्कूल परीक्षा (CASE) फरवरी/मार्च में आयोजित की जाएगी. 
 
- मध्यावधि परीक्षा के प्रश्न पत्र मध्यावधि परीक्षा तक कवर किए जाने वाले पाठ्यक्रम से बाहर होंगे. 
 
- वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सीबीएसई और शिक्षा निदेशालय, दिल्ली द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से निर्धारित किए जाएंगे. 

मिड-टर्म, प्री-बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे कि आवश्यकतानुसार समझ, दक्षता, विशेष रूप से माध्यमिक और सीनियर में प्रश्नों का पैटर्न और अन्य स्क‍िल का आकलन किया जा सके. माध्यमिक कक्षाएं सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में निर्धारित प्रश्नों के समान ही होंगी. 

- अधिक संख्या में योग्यता आधारित प्रश्न या वो प्रश्न जो वास्तविक जीवन / अपरिचित परिस्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन करते हैं, वो मध्यावधि, प्री-बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र का हिस्सा होंगे. 

- प्रत्येक परीक्षा के परिणाम का विश्लेषण किया जाएगा और उपचारात्मक और संवर्धन कार्यक्रमों की व्यवस्था के लिए विभिन्न विषयों में कठिन विषयों / अध्यायों की पहचान की जाएगी. 

-परीक्षा इस तरह से आयोजित की जाएगी कि नकल, पक्षपात, अन्याय और उत्पीड़न की संभावना कम से कम हो.

 

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