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DU: हंसराज कॉलेज में नॉन-वेज बैन पर विवाद, प्रिंसिपल ने दिया कोविड का हवाला

हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल, प्रोफेसर रमा का कहना है किकोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के समय हंसराज कॉलेज ने ऑफलाइन पढ़ाई फिर से शुरू होने के बाद कैंटीन या हॉस्टल में छात्रों को नॉन-वेज खाना देना बंद कर दिया था.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी का हंसराज कॉलेज
दिल्ली यूनिवर्सिटी का हंसराज कॉलेज

दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में नॉन-वेज पर बैन से विवाद खड़ा हो गया है. यहां छात्रों ने हॉस्टल में नॉन वेज बैन पर एतराज जताया है. वहीं, कॉलेज की प्रिंसिपल, प्रोफेसर रमा ने इसे पुराना आदेश बताया है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के समय हंसराज कॉलेज ने ऑफलाइन पढ़ाई फिर से शुरू होने के बाद कैंटीन या हॉस्टल में छात्रों को नॉन-वेज खाना देना बंद कर दिया था.

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दरअसल, कॉलेज के सेकंड ईयर के एक छात्र ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'पहले नॉन-वेज खाना परोसा जाता था, लेकिन अचानक नॉन-वेज खाना और अंडे बंद कर दिए गए. दक्षिण से आए छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि उन्हें नॉन-वेज खाने की आदत है.'

वहीं, हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल, प्रोफेसर रमा ने कहा, 'मुझे ठीक से याद नहीं है कि कब मांसाहारी भोजन परोसना बंद किया गया था. यह 3-4 साल पहले की बात है, लेकिन कमेटी ने फैसला लेने से पहले छात्रों से बात की होगी और फिर नॉन-वेज बंद करने का फैसला लिया होगा.'

कॉलेज प्रिंसिपल ने आगे कहा कि केवल वेजिटेरियन भोजन देने के फैसले के खिलाफ प्रशासन को कोई शिकायत नहीं मिली. किसी छात्र ने इसकी शिकायत नहीं की है. जो छात्र नॉन-वेज खाना चाहते हैं, वे इसे बाहर जाकर खा सकते हैं क्योंकि इस पर कोई रोक नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कॉलेज की कैंटीन में कभी भी मांसाहारी खाना नहीं दिया जाता था. 

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