दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपने हॉस्टल को फिर से खोलने की योजना बना रहा है, हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण, हॉस्टल का कामकाज अलग होगा.
पहले केवल “registered bona-fide PhD students” पीएचडी छात्रों" को चरणबद्ध तरीके से हॉस्टल में वापस आने की अनुमति दी जाएगी.
वरिष्ठ पीएचडी छात्रों के लिए पहली वरीयता दी जाएगी, अन्य पीएचडी छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नोटिस के अनुसार हॉस्टल में आने की अनुमति दी जाएगी.
फाइनल ईयर के छात्र जो अपने हॉस्टल के कमरे खाली करना चाहते हैं, उन्हें अपने हॉस्टल के कमरे में जाने की अनुमति दी जाएगी.
यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल को मेस चार्ज न करने और छात्रों के लिए मासिक बिजली और पानी का केवल 50 फीसदी चार्ज करने को कहा है.
कॉमन रूम रहेगा बंद
कॉमन रूम और जिम बंद रहेंगे. हालांकि, कंप्यूटर रूम, टीवी रूम, लाइब्रेरी और रीडिंग रूम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खुले रहेंगे. निवासियों को मेडिकल इमरजेंसी के अलावा हॉस्टल परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी.
हॉस्टल में वापस आने वाले छात्रों को अपने संबंधित हॉस्टल के कमरों में 14 दिनों के क्वारनटीन का पालन करना होगा, इसके बाद WOU हेल्थ सेंटर द्वारा उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. क्वारनटीन अवधि पूरा करने के बाद ही, छात्रों को अपने संबंधित अनुसंधान प्रयोगशालाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी.
“दिल्ली विश्वविद्यालय मानता है कि इस कठिनाई के समय हॉस्टल के छात्रों के साथ बातचीत करना और उनका मनोबल बढ़ाना बहुत आवश्यक है. इसलिए, हॉस्टल अथॉरिटीज़ को सलाह दी जाती है कि वे निवासियों के साथ नियमित रूप से बातचीत के लिए कम से कम एक व्यक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक विधि तैयार करें.
कई अन्य संस्थान और विश्वविद्यालय भी अपनी सुविधाओं को खोलने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने देश के प्रमुख हिस्सों में अनलॉक ’प्रक्रिया शुरू की है. वहीं अभिभावक अभी भी इस फैसले से नाराज हैं.