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NCR के नामी स्‍कूल की प्रशासन ने ली क्‍लास, पूछा- आप क्‍यों नहीं मान रहे SOP?

कई अभ‍िभावक DPS इंदिरापुरम स्‍कूल पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कई दिनों से अपना व‍िरोध दर्ज करा रहे हैं. सोमवार को अभ‍िभावकों ने जिलाध‍िकारी से इसकी शिकायत की है. जानिए क्‍या है अभ‍िभावकों और स्‍कूल का पक्ष.

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Parents at DM Gzb Office (photo by: Parents)
Parents at DM Gzb Office (photo by: Parents)

दिल्‍ली पब्‍ल‍िक स्‍कूल इंदिरापुरम ने नौवीं और 11वीं के अलावा छठी से आठवीं कक्षा की परीक्षा ऑफलाइन मोड से कराने के लिए डेटशीट जारी की है. इस बारे में स्‍कूल के अभ‍िभावकों ने सोमवार को जिला प्रशासन से श‍िकायत की है क‍ि स्‍कूल ने बिना कंसेंट फॉर्म के छठी से आठवीं कक्षा की परीक्षाएं घोष‍ित कर दी हैं.

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बता दें कि केंद्रीय श‍िक्षा मंत्रालय और राज्‍य सरकार की ओर से जारी एसओपी में स्‍पष्‍ट कहा गया है क‍ि स्‍कूल अभ‍िभावकों की अनुमति के बिना छात्रों को नहीं बुला सकते. ऐसे में उन्‍हें ऑनलाइन पठन-पाठन ही जारी रखना होगा. प्रशासन ने अभ‍िभावकों की श‍िकायत पर संज्ञान लेते हुए स्‍कूल प्रबंधन से पूछा है कि आपके द्वारा श‍िक्षा निदेशक (बेसिक) उत्‍तर प्रदेश की ओर से जारी एसओपी का अनुपालन क्‍यों नहीं कि‍या जा रहा है. जिला प्रशासन ने स्‍कूल प्रबंधन से इस संबंध में 23 फरवरी को कलेक्‍ट्रेट में अपनी सुस्‍पष्‍ट आख्‍या के साथ प्रस्‍तुत होने को कहा है. 

डीपीएस पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की प्रेसिडेंट प्रियंका राना ने बताया कि स्‍कूल ने पहले ऑनलाइन एग्‍जाम के लिए कहा था. फिर पहली फरवरी के आसपास सर्कुलर जारी करके नौवीं और 11वीं के ऑफलाइन एग्‍जाम के लिए अभ‍िभावकों से कंसेंट लिया. लेकिन इसमें भी करीब 200 के करीब अभ‍िभावकों ने अपनी असहमति जताई थी.

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उन्‍होंने बताया कि लॉकडाउन के माहौल में बहुत से लोग घर गए हैं तो कुछ लोग कोरोना में बच्‍चों को लेकर पैन‍िक हैं, वहीं ट्रांसपोर्टेंशन के चलते कुछ लोग बच्चों को स्‍कूल नहीं भेज पा रहे. इस तरह करीब 200 ने नो कसेंट साइन करके दी थी. लेकिन इसके बाद स्‍कूल ने 6वीं और 8वीं के ऑफलाइन एग्‍जाम की डेटशीट बिना कंसेंट या सर्कुलर के दे दी. 

अपर नग मजिस्‍ट्रेट (द्व‍ितीय) की ओर से जारी नोट‍िस
अपर नगर मजिस्‍ट्रेट (द्व‍ितीय) की ओर से जारी नोट‍िस


प्रियंका कहती हैं कि छठी से 8वीं तक के बच्‍चे छोटे हैं तो सरकार की गाइडलाइन है क‍ि उन्‍हें नहीं बुलाया जा सकता है. इसे लेकर पेरेंट्स लगातार स्‍कूल से संपर्क करने की कोश‍िश कर रहे थे. स्‍कूल ने अभ‍िभावकों को स्‍पष्‍ट जवाब नहीं दिया. इसके बाद 11 फरवरी को पहली बार कई पेरेंट्स प्रबंधन से मिलने पहुंचे तो उनसे मुलाकात नहीं की गई. अभ‍िभावकों से कहा गया क‍ि अपॉइंटमेंट लेकर आइए. 

कभी कहा गया कि मेल डालिए. इसके बाद एसोसिएशन ने जब नो कंसेट का गूगल सर्वे कराया तो छठी से आठवीं के बच्‍चों के 600 से ज्‍यादा अभ‍िभावकों ने नो कंसेंट जताया. इसके बाद 13 फरवरी को अभ‍िभावक स्‍कूल पहुंचे तब भी उन्‍हें जवाब नहीं मिला.

 डीपीएस इंदिरापुरम ने कहा, रखेंगे अपनी बात

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इस मामले पर DPS इंदिरापुरम ने कहा कि वह कानून व न्यायपालिका का सम्मान करने वाली संस्था है. हमने प्रदेश सरकार और ज़िला प्रशासन के सभी निर्देशों का सदैव पालन किया है और इसी क्रम में अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए डीपीएस इंदिरपुरम कल मीटिंग के लिए उपस्थित होगा और अपनी बात रखेगा. यदि सरकार और प्रशासन का सहयोग होगा तो हमेशा की तरह DPS इंदिरापुरम अपने सभी विद्यार्थियों के हित के लिए सम्पूर्ण सकारात्‍मकता के साथ कार्यरत रहेगा. हमें पूर्ण विश्वास है कि सरकार और ज़िला प्रशासन अपने दिए गए निर्देशों और विद्यार्थियों के हित के लिए विद्यालय की ताक़त बनेंगे.

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