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'दो आईआईटी विदेशों में कैंपस खोलेंगे, विदेशी संस्थान भारत आ रहे, अब छात्र बाहर जाने को मजबूर नहीं'

आईआईटी दिल्ली अबू धाबी में एक कैंपस खोलेगा. वहीं, अफ्रीकी देशों की जरूरतों को देखते हुए आईआईटी चेन्नई जंजीबार में एक कैंपस खोलेगा. अब न सिर्फ विदेशी संस्थान भारत आएंगे, बल्कि दो ने गिफ्ट सिटी गुजरात में अपनी यूनिवर्सिटी खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

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शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो- PTI)
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो- PTI)

श‍िक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में कहा कि अब भारत में विदेशी संस्थान आ रहे हैं, वहीं इंडिया के दो आईआईटी ओवरसीज अपने कैंपस खोल रहा है. इस तरह छात्रों को बाहर जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली अबू धाबी में एक कैंपस खोलेगा. वहीं, अफ्रीकी देशों की जरूरतों को देखते हुए आईआईटी चेन्नई जंजीबार में एक कैंपस खोलेगा. अब न सिर्फ विदेशी संस्थान भारत आएंगे, बल्कि दो ने गिफ्ट सिटी गुजरात में अपनी यूनिवर्सिटी खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

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शिक्षा के संबंध में आंतरिक तंत्र (Internalization Mechanism) दो तरह से काम कर रहा है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राज्यसभा में कह रहे थे कि आज हमारे छात्र बाहर जाने को मजबूर हैं. अब न सिर्फ विदेशी संस्थान भारत आएंगे, बल्कि दो ने गुजरात में अपनी यूनिवर्सिटी खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. 

नवंबर 2022 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने विदेशी संस्थान स्थापित करने के लिए एक पोर्टल स्थापित किया है. एनईपी के नियमन में क्वालिटी, शुल्क संरचना पर भी बात कही गई है. अब अधिक छात्रों को ग्लोबल पैरामिटर की शिक्षा मिलेगी, हमारे पास आवेदनों की जांच के लिए एक समिति है.

हमें शिक्षा जगत और संस्थानों को ऑटोनमी देनी होगी. इस सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उनके दो आईआईटी दूसरे देशों में खुलने जा रहे हैं, आईआईटी दिल्ली अबू धाबी में खुल रहा है, आईआईटी चेन्नई ज़ांज़ीबार में एक संस्थान खोल रहा है. सभी आईआईटी और सभी प्रतिष्ठित संस्थानों का अपने समकक्षों के साथ वैश्विक गठजोड़ है. यह एनईपी इसमें सुविधा प्रदान करेगी. 

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क्या विदेशी संस्थानों में मिलेगा आरक्षण

मनोज झा के सवाल कि क्या भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए सकारात्मक कार्रवाई लागू की जाएगी? सवाल के जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये विदेशी यूनिवर्सिटीज अपने देश के नियमों के मुताबिक चलेंगी, हमारी डीम्ड यूनिवर्सिटीज का नियम अलग है. छात्रवृत्ति के नए रूप भी सकारात्मक कार्रवाई पर आधारित हैं. हमारा फोकस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अधिक है. 

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