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खोखली और नौटंकीबाज है दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था: शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आप सरकार के एजुकेशन मॉडल पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में तीन प्रकार के स्कूल हैं- सरकारी स्कूल, नवोदय विद्यालय और निजी स्कूल. पिछले दो सालों के मुकाबले सरकारी स्‍कूलों के कक्षा 10वीं और 12वीं क्लास का रिजल्ट काफी डाउन हुआ है.

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Education Minister Dharmendra Pradhan
Education Minister Dharmendra Pradhan

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और उप-मुख्यमंत्री व राज्य शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने 'AAP' सरकार को टारगेट करते हुए दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को खोखली और नौटंकीबाज बताया है. उन्होंने दोनों मंत्रियों से छपने नहीं बल्कि दिल्ली के स्कूलों की वास्तविक स्थिति दिखाने का भी आग्रह किया. 

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26 अगस्त 2022 को बिजनेस टुडे के इंडिया@100 शिखर सम्मेलन में न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली के स्कूलों की खबर छपने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर कई बातें कहीं. न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल के बारे में विस्तार से चर्चा की गई थी जिसमें स्कूली बच्चों के साथ मनीष सिसोदिया की तस्वीर भी छपी थी. हालांकि ये अगल बात ही कि खबर छपने के बाद 2021-22 आबकारी नीति को लेकर सीबीआई ने 31 जगहों पर रेड डाली जिसमें डिप्टी सीएम का घर भी शामिल था.

पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले डाउन हुआ 10वीं और 12वीं का रिजल्ट: धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने आप सरकार के तहत दिल्ली के एजुकेशन मॉडल के बारे में बात करते हुए कहा, 'दिल्ली में तीन प्रकार के स्कूल हैं- सरकारी स्कूल, भारत सरकार के स्कूल नवोदय विद्यालय और निजी स्कूल के माध्यम से चलते हैं. इन स्कूलों के 10वीं और 12वीं क्लास के रिजल्ट देखिए. अगर पिछले दो सर्वे की तुलना करें, तो दिल्ली के स्कूलों की 10वीं और 12वीं दोनों रिजल्ट में काफी नीचे चला गया है.' 

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दिल्ली एजुकेशन मॉडल को बताया खोखला
धर्मेंद्र प्रधान ने आग्रह किया, "इसको कटना नहीं, इसे दिखाना, ​​यह मेरे दोस्तों अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया जी से मेरा विनम्र अनुरोध है." साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था खोखला और नौटंकीबाज है.' उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद गरीब से गरीब बच्चों और साथ ही उन लोगों को अच्छी शिक्षा देना है जो इसके लिए खर्च कर सकते हैं." हालाकिं उन्होंने यह भी माना कि हर एक भारतीय स्टूडेंट को फिलहाल विश्व स्तर की शिक्षा देना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, 'मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं.'

बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए ये है प्लान
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि हमें इनोवेटिव मॉडल्स तैयार करने होंगे, हर एक तक गुणवत्ता वाली शिक्षा पहुंचाना, शिक्षत करना और  काबिल बनाना हमारे लिए सरकार के लिए चुनौती है. इसके लिए देश को बहुआयामी रणनीति अपनानी होगी. उन्होंने कहा कि सिलेबस के कमी नया दृष्टिकोण होगा, एक नया शिक्षाशास्त्र बनाना और एक्स्ट्रा क्लासे शुरू करनी होगी.

बच्चों में परीक्षा की चिंता और तनाव के बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों की परेशानियां दूर करने के लिए एक्सपर्ट्स का ग्रुप बनाएंगे. छात्रों को सबसे पहले खुद पर विश्वास करना चाहिए, बच्चों का बोझ का कम होना चाहिए और एग्जाम खुशी से होने चाहिए. उन्होंने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के जरिए छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच पैदा करना है.

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