शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) को स्थापित करने में चुनौतियां हैं, लेकिन उन चुनौतियों को समय के साथ धीरे-धीरे दूर किया जाएगा. शिक्षामंत्री ने BT India @100 Economy समिट में बिजनेस टुडे के कार्यकारी निदेशक राहुल कंवल के साथ एक सेशन में कहा कि CUET परीक्षा को लागू करने में चुनौतियां हैं, जिसके लिए सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है.
शिक्षामंत्री ने कहा, "मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं, हमें इनोवेटिव मॉडल बनाने होंगे, हमारी शिक्षा के लिए चुनौती सामर्थ्य, पहुंच, गुणवत्ता और समावेशिता है. इस देश को बहु-आयामी रणनीति अपनानी होगी." प्रधान ने कहा कि उनकी सरकार परीक्षा प्रक्रिया को एक आनंदमय प्रणाली बनाने की कोशिश कर रही है, जहां छात्र अपनी उपलब्धियों के बारे में आश्वस्त हों.
Will CUET Takeover Board Examinations? Education Minister Answers At 'BT India At 100 Economy Summit'. pic.twitter.com/vFxYvCaHJs
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) August 26, 2022
पिछले साल तक, कुछ अपवादों को छोड़कर, केंद्रीय, राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया काफी हद तक बोर्ड परीक्षाओं में हाई स्कोर पर निर्भर करती थी. मार्च 2022 में, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) शुरू किया, जो ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों, डिप्लोमा और रीसर्च कोर्सेज़ में प्रवेश के लिए एक परीक्षा है. शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए 21 निजी और 12 राज्य विश्वविद्यालयों सहित 90 विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में इस परीक्षा से प्रवेश मिलेगा.
परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर, विपक्ष द्वारा परीक्षाओं की काफी हद तक आलोचना की गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे कई नेताओं ने ट्वीट किया था, ''तकनीकी खराबी के कारण 50,000 से अधिक छात्र CUET परीक्षा नहीं दे पाए. क्या यह सरकार हमारे छात्रों के प्रति इतनी असंवेदनशील है? क्या हमारे देश के युवा इसी के हकदार हैं?"
अपना बचाव करते हुए उन्होंने कहा, "देश के युवाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए, अधिक प्रतिस्पर्धी मॉडल होने चाहिए. इस साल परीक्षा आयोजित करने में कुछ समस्याएं हुई हैं और मैं जिम्मेदारी ले रहा हूं."
CUET 15 जुलाई से 31 अगस्त के बीच 6 चरणों में आयोजित किया जा रहा है, लेकिन कई मौकों पर तकनीकी गड़बड़ियों के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई. इसके चलते हुई देरी की वजह से यूनिवर्सिटी एडमिशन में और देरी हो रही है. 17 अगस्त को CUET के चौथे चरण में तकनीकी खराबी के चलते NTA को 13 केंद्रों पर परीक्षा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे 8,600 से अधिक उम्मीदवार प्रभावित हुए.