भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्किल और ट्रेनिंग को लेकर एक सूझबूझ भरी भागीदारी की पहल शुरू हो गई है. इसका आगाज पहली बार ऑस्ट्रेलिया-इंडिया में शिक्षा और रोजगार के जिम्मेदार राजनेताओं की बैठक से हो गया है. गुजरात के गांधीनगर में ऑस्ट्रेलिया-इंडिया एजुकेशन एंड स्किल काउंसिल (AIESC) की पहली बैठक आज यानी 6 नवंबर 2023 हो रही है. यह पहली बैठक ऑस्ट्रेलियाई भारत शिक्षा परिषद (AIEC) की ओर से दोनों देशों के बीच एजुकेशन और ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई है.
AIESC साल 2011 में स्थापित एक द्वि-राष्ट्रीय निकाय है. इस मंच का दायरा दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप बढ़ाया गया ताकि शिक्षा के साथ-साथ कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर्राष्ट्रीयकरण, दो-तरफा गतिशीलता और सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.
तालमेल को बढ़ावा देने की उम्मीद
यह पहली बार है कि शिक्षा और कौशल को एक ही संस्थागत मंच के तहत लाया जा रहा है. इस यात्रा से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में पारस्परिक हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी और तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस मीटिंग की अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा मंत्री व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ऑस्ट्रेलिया सरकार के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर और ऑस्ट्रेलिया सरकार के कौशल और प्रशिक्षण मंत्री ब्रेंडन ओ’कॉनर संयुक्त रूप से की.
इन विषयों पर होगी चर्चा
AIESC बैठक का उद्देश्य महत्वपूर्ण विषयों की पहचान करने और उसके लिए ट्रेनिंग देने पर केंद्रित है. इसमें क्रिएटिव लर्निंग सेंटर, आईआईटी गांधीनगर का दौरा शामिल है. इस दौरान उपकरणों के निर्माण, एसटीईएम कला, खिलौनों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विचारों के प्रसार, विज्ञान केंद्रों की स्थापना और प्रयोगशाला कार्यों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों में वैज्ञानिक स्वभाव और अंतर्निहित रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर काम करता है.
दोनों देश के मंत्री पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (PDDU) और विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) का भी दौरा करेंगे.राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह किया जा रहा है. यह एक संस्थागत सेटअप है जो शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रमुख स्टॉकहोल्डर्स द्वारा डेटा-बेस्ड निर्णय लेने और कार्रवाई को बढ़ाने के लिए एकीकृत काम करेगा.