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UP RO/ARO पेपर धांधली में पकड़ी गई पूर्व प्रिंसिपल, पेपर लीक आरोपियों को किया था नियुक्त

फरवरी में आयोजित हुई यूपी आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज से लीक हुआ था. घटना के कुछ महीने बाद मैनेजमेंट ने उन्हें जबरन हटाकर उनकी जगह शर्ली मसीह को प्रिंसिपल बनाया था. पारुल पर पेपर लीक की घटना में शामिल होने का आरोप है.

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RO-ARO पेपर लीक मामले में पूर्व प्रिंसिपल गिरफ्तार (सांकेतिक फोटो)
RO-ARO पेपर लीक मामले में पूर्व प्रिंसिपल गिरफ्तार (सांकेतिक फोटो)

यूपीपीएससी RO/ARO पेपर लीक मामले में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्ट फोर्स (UP STF) ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने रिव्यू ऑफिसर और असिस्टेंट रिव्यू ऑफिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में कथित भूमिका के लिए प्रयागराज के एक कॉलेज की पूर्व महिला प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया है. साथ ही उसके पास दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं.

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फरवरी में आयोजित हुई यूपी आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज से लीक हुआ था. घटना के कुछ महीने बाद मैनेजमेंट ने उन्हें जबरन हटाकर उनकी जगह शर्ली मसीह को प्रिंसिपल बनाया था. पारुल पर पेपर लीक की घटना में शामिल होने का आरोप है.

पेपर लीक केस में पूर्व प्रिंसिपल का नाम कैसे आया?

पूर्व प्रिसिंपल पारुल सोलोमन ने 04 अभियुक्तों के साथ अर्पित विनित यशवंत की नियुक्ति की थी, जिनका काम परीक्षा से जुड़े काम देखना था. विनित यशवंत को पहले ही पेपर लीक केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अब एसटीएफ पारुल से पूछताछ करेगी. पारुल सोलोमन पत्नी सुमित सोलोमन, निवासी 25 महात्मा गांधी मार्ग सिविल लाइन जनपद प्रयागराज की रहने वाली बताई जा रही है.

जून में, एसटीएफ ने परीक्षा पेपर लीक करने में कथित संलिप्तता के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सहित एक गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारियां प्रयागराज में की गई थीं. गिरफ्तार लोगों में अर्पित विनीत यशवंत शामिल थे, जो बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज के परीक्षा कार्य का देखभाल करते थे और पारुल सोलोमन द्वारा नियुक्त किए गए थे. पेपर लीक के संबंध में प्रयागराज के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिससे यशवंत और अन्य की गिरफ्तारी हुई थी.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा 11 फरवरी को पूरे राज्य में आयोजित की गई थी. पेपर लीक होने की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने 2 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी थी. एसटीएफ के अनुसार, पेपर दो तरीकों से लीक किया गया था. 11 फरवरी की सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र से और भोपाल, मध्य प्रदेश में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था.

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